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क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम आई पी का उपयोग त्वचा संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है। त्वचा पर भद्दे से दिखने वाले लाल निशान, या धब्बे किसी भी व्यक्ति को परेशान कर सकते हैं। ऐसी स्थिति मे अगर बार-बार खुजली होती है तो यह शर्मिंदगी और तनाव का कारण बन सकते हैं।
इस समस्या से राहत पाने के लिए चिकित्सक त्वचा की जांच करके और मरीज के लक्षणो को ध्यान मे रखते हुए, क्लोट्रिमेजोल क्रीम को सामयिक रूप से इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं।
क्रीम का वर्ग | इमिडाज़ोल नामक एंटिफंगल दवाओ का वर्ग |
बीमारी का इलाज | कवक के कारण हुए त्वचा के संक्रमण का इलाज |
मात्रा | गंभीरता के आधार पर डॉक्टर द्वारा निर्धारित की जाती है |
घटक | क्लोट्रिमेज़ोल |
ओवर-द-काउन्टर क्रीम | हाँ |
आदत | नहीं, इसकी आदत नहीं लगती है |
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम आई पी एक एंटी-फंगल दवा है। जिसका मतलब है कि यह क्रीम फंगस के खिलाफ कार्य करती है जिसके कारण त्वचा का संक्रमण होता है। फंगल संक्रमण में निम्नलिखित संक्रमण आते हैं जिनके बारे मे कुछ विशेष के बारे मे लेख मे आगे विस्तार से बताया गया है:
एथलीट फुट
दाद
फंगल नैपी रैश
फंगल स्वेट रैश
थ्रश
इन सभी का इलाज क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम द्वारा किया जा सकता है। क्रीम के इस्तेमाल करने के लिए डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पूर्ण रूप से पालन करना चाहिए।
यह क्रीम फंगस से त्वचा संक्रमण दूर करने का काम करती हैं | क्लोट्रिमेज़ोल क्रीमकी श्रेणी के बारे मे जानकारी निम्न है :
सामयिक क्रीम - यह एक प्रकार की सामयिक क्रीम जिसका इस्तेमाल त्वचा की सतह पर किया जाता है। क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम आई पी त्वचा की सतह पर लगाने से त्वचा के अंदर फंगस की विक्रियता को रोकने और इसके प्रजनन को रोकने में मदद करती है।
दवा का वर्ग - क्लोट्रिमेज़ोल, इमिडाज़ोल नामक एंटिफंगल दवाओं के एक वर्ग में आती है।
दवा का ब्रांड - क्लोट्रिमाजोल कई अलग-अलग ब्रांड नाम के तहत उपलब्ध होती है। यह क्रीम विभिन्न दवा निर्माताओं द्वारा बेची जाती हैं।
फंगल संक्रमण शरीर के विभिन्न हिस्सों की त्वचा को संक्रमित कर सकता है। इन्ही संक्रमण को खत्म करने के लिए क्लोट्रिमेज़ोलक्रीम का उपयोगहोता हैजैसे कि :
टिनिया कॉर्पोरिस - यह त्वचा कि ऊपरी सतह का फंगल संक्रमण है जिसे 'दाद' कहा जाता है। ज्यादातर यह हथेली, पैर के तलवे, खोपड़ी, चेहरे, दाढ़ी, और नाखूनों को छोड़कर शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। इसमे शरीर की त्वचा पर लाल पपड़ीदार चकत्ते बन जाते हैं। कवक, त्वचा की ऊपरी परत मे बढ़कर लाल चकत्तो का रूप ले लेता है जिसके किनारे उभरे होते हैं। इस संक्रमण इन निम्न कारणों कि वजह से हो सकता है:
यह किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क और उसके द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुए जैसे मौजे, तौलिया आदि के संपर्क मे आने से हो सकता है।
नमी, गीलापन, और अधिक पसीना आने से कवक संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
टिनिया क्रूरिस - इस त्वचा के फंगल संक्रमण को जॉक खुजली कहते हैं। यह आमतौर पर कमर या नितंबों कि त्वचा में होता है।
टिनिया पेडिसको एथलीट फुट भी कहा जाता है। यह संक्रमण अक्सर पैरों और उंगलियों के बीच की त्वचा को संक्रमित करता है।
फंगल संक्रमण के लक्षण मे आराम
यह त्वचा पर खुजली, लालिमा, और चकत्ते जैसे लक्षणों को प्रबंधित करने में सहायक सिद्ध होता है।
मरीज के त्वचा के फंगल संक्रमण को ठीक करने के लिए डॉक्टर १ % क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम का प्रिस्क्रिप्शन लिखकर देते है। इसके अलावा इसको दुकान से (ओवर द काउन्टर) भी खरीद जा सकता है।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम आई पी का इस्तेमाल करने के फायदे अनेक हैं | इनमे से कुछ निम्न रूप से देखे जा सकते है:
संक्रमण को फैलने से रोक - यह क्रीम मूलतया कवक संक्रमण को रोकते हुए उसे फैलने से रोकता है।
धीरे-धीरे खुजली मे सुधार - क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम के डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देशों के अनुसार और निर्धारित समय तक उपयोग करने से सुधार आने मे कुछ समय लगता है और आराम मिल जाता है।
ध्यान दे, कि किसी भी क्रीम का उपयोग करने से पहले हमेशा चिकित्सक से मार्गदर्शन और सलाह ले लेनी चाहिए। क्रीम का सही निरर्देशानुसार उपयोग करने से सही असर होता है। सबसे पहले लेबल पर दिए गए निदेशों को अच्छी तरह पढ़ ले:
सबसे पहले प्रभावित क्षेत्र को साफ कर ले और सूखा ले।
इसके बाद साफ और सुखे प्रभावित क्षेत्र पर डॉक्टर द्वारा निर्धारित खुराक को पतली परत के रूप मे त्वचा की सतह पर लगाए।
क्रीम को धीरे-धीरे फैलाए और धीरे से मालिश करे। इस की वजह से क्रीम त्वचा के अंदर समाहित होती है और सही से अपना कार्य करती है।
'जॉक खुजली' के लिए क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम का उपयोग करते वक्त निम्न बातों का ध्यान रखें:
एथलीट फुट के लिए क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम का उपयोग करते वक्त निम्न बातों का ध्यान रखें:
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम के उपयोग करके फंगल संक्रमण में सुधार आने मे लगभग 7 दिन लगते हैं। इसका उपयोग दिन में 2 या 3 बार संक्रमित क्षेत्र पर लगाकर किया जाता है। इसे डॉक्टर कि सलाह के बगैर 4 सप्ताह से अधिक नही करना चाहिए। ऐसा करने से, फंगल संक्रमण क्लोट्रिमेज़ोल के प्रति प्रतिरोधी हो सकता है और यह ठीक से काम करना बंद कर सकता है।
यदि आप खुद से फंगल संक्रमण के लिए क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम का उपयोग कर रहे हैं, तो ध्यान रहे कि अगर एक सप्ताह तक क्रीम के इस्तेमाल के बाद भी कोई असर नहीं हो रहा है, तो तुरंत ही डॉक्टर से सलाह ले। इस दवा का इस्तेमाल 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर नहीं किया जाता है।
यह क्लोट्रिमेज़ोल बाजार में एक क्रीम, स्प्रे और सोल्यूशंन के रूप में उपलब्ध होती है।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम की खुराक डॉक्टर द्वारा स्तिथि कि गंभीरता के हिसाब से निर्धारित कि जाती है। इस क्रीम की डोजकी युवाओं या बुजुर्गों के लिए कोई अलग खुराक-अनुसूची नहीं होती है।
यदि कोई गलती से क्रीम को खा लेता है या अधिक मात्रा मे इस्तेमाल करता है तो विषाक्ता हो सकती है। ऐसी स्तिथि मे तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करे।
यदि आप दवा का निर्धारित समय पर इस्तेमाल भूल गए हैं तो जैसे ही याद आए, छूटी हुई खुराक उसी वक्त लगा ले। लेकिन अगर अगली खुराक का समय हो गया है या होने वाला है, तो अपने नियमित समय पर क्रीम लगाए। ध्यान रहे कि ज्यादा मात्रा मे या दुगनी मात्रा मे क्रीम न लगाएं क्योंकि इससे दुष्प्रभाव होने की सम्भवना बढ़ सकती है।
क्रीम को खरीदने से पहले डॉक्टर से सामग्री कि जानकारी लेले। इस जानकारी के माध्यम से आप इसके तत्वों से अवगत हो जाएंगे। अगर क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम या इसके तरल उत्पाद के किसी भी तत्व से एलर्जी है तो डॉक्टर कोई दूसरा उत्पाद दे देंगे। इसके अलावा किसी अन्य दवा, या खाने से एलर्जी के बारे में भी डॉक्टर को बताए।
फंगल संक्रमण से निजात पाने के लिए क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम का उपयोग करने से पहले और बाद में निम्न सावधानियां बरतनी चाहिए:
अन्य कोई दवा, विटामिन, पोषण संबंधी पूरक और हर्बल उत्पाद का सेवन कर रहें है तो अपने डॉक्टर और फार्मासिस्ट को इसके बारे मे जरूर बताएं।
महिला का गर्भवती होना या फिर अगर कोई महिला गर्भवती होने की योजना बना रही हैं तो अपने चिकित्सक को जरूर बताए। इसके अलावा यदि आप क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम का उपयोग करते समय गर्भ धारण कर लेती हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
स्तनपान कराने वाली महिला को यह जानकारी डॉक्टर को बतानी चाहिए ।
गर्भावस्था और स्तनपान कराते समय क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम की सुरक्षा के बारे में सीमित जानकारी है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि ऐसी स्थिति वाली महिला को क्लोट्रिमेज़ोल क्रीमका उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम काफी सुरक्षित मानी जाती है | इसके बहुत गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होते है।
कुछ संवेदंनशील लोगों मे सामान्य दुष्प्रभाव आ सकते हैं, जिनमे शामिल है:
छाले
लालिमा
सूजन बढ़ना
खुजली
जलन और चुभन
परत उतरना
पित्ती
त्वचा में दरारें पड़ना
क्लोट्रिमेज़ोल अन्य दुष्प्रभाव जैसे एलर्जी प्रतिक्रिया से संबंधित लक्षण पैदा कर सकता है, जैसे:
त्वचा पर लाल चकत्ते
खुजली या पित्ती उछलना
कुछ लोगों मे बहुत गंभीर एलेरजी कि प्रतिक्रिया हो सकती है जैसे:
सांस लेने मे तकलीफ होना
चेहरे, होंठ या जीभ की सूजन
अगर क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम का उपयोग करते समय कोई भी समस्या का सामना करना पड़े तो अपने चिकित्सक से तुरंत मिलें।
क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण जानकारी होना बहुत जरूरी है। जैसे कि क्रीम की किसी अन्य दवा या खाद्य पदार्थ के साथ असामान्य क्रिया होने कि संभावना तो नहीं है। इस स्तिथि मे दुष्प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है।
ड्रग-ड्रग इंटरेक्शन - क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम की पारस्परिक क्रिया एम्फोटेरिसिन बी और सामयिक उत्पाद जिनमें निस्टैटिन होता है उनके साथ पाई गई है।
दवा की खाद्य पदर्थ के साथ इंटरेक्शन - क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम की खाद्य पदार्थों के साथ किसी भी प्रकार की परस्पर क्रिया नही देखी और पाई गई है जो मरीज को नुकसान पहुचा सकती है।
इसके अलावा धूम्रपान करना, शराब पीना, या अवैध नशीली दवाओं का उपयोग करना कुछ हद तक इनरैक्शन कर सकते हैं। ।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम का काम खत्म होने के बाद इसका निपटान विशेष तरीकों से किया जाना चाहिए। ध्यान रहें, इसे मेडिकल वैस्ट मे ही फेके ताकि पालतू जानवर, बच्चे और अन्य लोग उनका सेवन न कर सकें। इसको अच्छी तरह से रखने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें:
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम की ट्यूब को कसकर बंद करके रखे।
इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
इसे कमरे के तापमान पर रखना चाइए, पर बहुत अधिक गर्मी और नमी से बचाकर रखें।
आहार का फंगल संक्रमण मे बहुत महत्व नहीं है। एक स्वस्थ और पौष्टिक आहार ले और अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए। क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम का इस्तेमाल करते वक्त डॉक्टर द्वारा कुछ जीवन शैली में बदलाव की सलाह दी जा सकती है जैसे कि:
अपने पैरों और पंजों के बीच कि जगह को साफ़ और सूखा रखें।
अपने नाखूनों को छोटा काट कर साफ रखे | दिन-प्रतिदिन मे इस्तेमाल के लिए हवादार जूते पहने।
संक्रमित क्षेत्र के लिए एक अलग साफ तौलिये का उपयोग करें और उसे ज्यादा छुए नहीं।
व्यायाम के बाद या काम करने के बाद अत्यधिक पसीना आए तो ऐंटिफंगल साबुन से स्नान करें।
अपने मोज़े, जूते और तौलिया को अलग रखें और कभी भी दूसरों के साथ साझा न करें।
भारत मे क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम की कीमत ३० रुपए से लेकर १४० रुपए के बीच होती है। इसमे बहुत से निर्माता जनेरिक दवाओ का उत्पादन करते हैं। अलग-अलग ब्रांड इसकी अलग कीमत निर्धारित करते हैं। क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम १५ ग्राम, ३० ग्राम, या ५० ग्राम के पैकेज में उपलब्ध होती है, और इसकी कीमत पैकेज के आकार के हिसाब से भी भिन्न हो सकती है।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम औषधीय एंटीफंगल त्वचा कि क्रीम है जो कवक को मार कर उसके संक्रमण को खत्म करने मे मदद करती है। इसके इस्तेमाल से पहले लेबल पर दिए गए निर्देशों को अच्छी तरह समझ ले और उसके बाद ही क्लोट्रिमेज़ोल क्रीमका उपयोग करे।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम काफी सुरक्षित एंटीफंगल क्रीम है, अगर आप इससे संबंधित दुष्प्रभाव के बारे मे विस्तार से जानना चाहते हैं तो HexaHealth कि पर्सनल केयर टीम से संपर्क करें और अपनी उलझन का समाधान करे। क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम के बारे मे ज्यादा जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाईट पर भी जा सकते हैं।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम काउपयोग फंगल त्वचा संक्रमण जैसे दाद, खाज (जोक इच), एथलीट फुट, के लिए किया जाता है। यह त्वचा के ऊपरी परत पर होने वाले फंगल संक्रमण है जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों मे हो सकते हैं। जैसे एथलीट फुट मे फंगल संक्रमण पैरों कि त्वचा पर होता है। जॉक खुजली कमर या नितंबों की त्वचा में होता है। इसके अलावा यह क्रीम सूजन कम करके उससे जुड़े लक्षणों को कम करके राहत देता हैं।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम फंगलसंक्रमण करने वाले फंगस को नष्ट करके काम करता है। क्लोट्रिमेज़ोल कवक कि कोशिका झिल्ली को बनाने वाले समाधान को नुकसान पहुंचाता है। इस के कारण झिल्ली की अखंडता का नुकसान हो जाता है। इसकि वजह से कोशिका के घटक बाहर निकल जाते हैं, इसी प्रक्रिया में फंगस मर जाता है और संक्रमण ठीक हो जाता है।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम कवक के विकास को रोक कर उसे मार देती है। इसके अलावा फंगल संक्रमण से जुड़े लक्षण आदि से छुटकारा दिलाने मे काफी लाभदायक साबित होती है। इस क्रीम के इस्तेमाल से खुजली जैसे लक्षण से जल्द ही राहत मिलती है।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम का उपयोग करने से पहले प्रभावित क्षेत्र को साफ करें और अच्छी तरह सुखा लें। इसके बाद क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम की एक पतली परत को दिन में दो बार या डॉक्टर के निर्देशानुसार लगाएं और संक्रमण को दूर करे।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम को चिकित्सक के निर्देशानुसार इस्तेमाल करना होता है।
डॉक्टर द्वारा बताई गई क्रीम कि मात्रा को उंगली पर लेकर एक पतली परत के रूप मे प्रभावित क्षेत्र पर लगाए
क्रीम को इसी तरह दिन में दो या तीन बार लगाना चाइए।
संक्रमण कि गंभीरता के हिसाब से डॉक्टर निर्धारित करते है कि इसका प्रयोग कितने दिन तक करना है।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम प्रभावित क्षेत्र पर दिन में दो बार लगाई जाती है। इस क्रीम को कितने दिन लगाना है, वो इस बात पर निर्भर करता है कि इसका इस्तेमाल किस संक्रमण के लिए किया जा रहा है जैसे:
जॉक खुजली मे क्लोट्रिमेज़ोल 2 सप्ताह में लक्षणों में सुधार लता है।
एथलीट फुट या दाद के इलाज के लिए क्लोट्रिमेज़ोल का उपयोग लक्षणो को ठीक करने के लिए 4 सप्ताह तक किया जाता है।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम के इस्तेमाल के बाद फंगल संक्रमण के कुछ लक्षण, जैसे खुजली या खराश, अक्सर, उपचार के कुछ दिनों के भीतर ही ठीक हो जाते हैं। दूसरे लक्षण जैसे लाल चकत्ते और पपड़ीदार त्वचा को ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। ज्यादातर मामलों में, क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम को काम करने में लगभग 1 से 4 सप्ताह के बीच समय लग सकता है।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम का उपयोग योनि कैंडियाडिसिस के लिए योनि के अंदर किया जा सकता है । आंतरिक क्रीम रात में सबसे अच्छा काम करती है। रात के समय क्रीम त्वचा के संपर्क मे अधिक रहती है, जिससे उसका प्रभाव बढ़ जाता है।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम के साइड इफेक्ट्स मे त्वचा मे निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:
छाले पड़ना
खुजली
खराश
जलन और चुभन की समस्या
लाल घाव, इत्यादि ।
इसके अलावा एलर्जी प्रतिक्रिया के लक्षण भी हो सकते हैं जैसे
चकत्ते
लालिमा
गंभीर लक्षण मे चेहरे कि सूजन, और सांस लेने मे तकलीफ जैसे लक्षण हो सकते हैं।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम का प्रभावित इस्तेमाल करने के बाद भी लक्षणों का बना रहना इस बात कि तरफ इशारा करता है कि क्रीम असर नहीं कर रही है। इसके अलावा डॉक्टर द्वारा निर्धारित समय तक इस्तेमाल न करने से भी लक्षण बने रह सकते हैं। ऐसी स्थिति मे तुरंत चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। कुछ मामलों मे चिकित्सक दवाई को बढ़ा कर दे सकते हैं।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम के सिवा अन्य ऐंटिफंगल दवाएं हैं जो क्लोट्रिमेज़ोल के समान हैं, जिनमें शामिल हैं:
इकोनाज़ोल क्रीम
माइक्रोनाज़ोल क्रीम/स्प्रे/पाउडर
केटोकोनाज़ोल क्रीम
टेरबिनाफाइन क्रीम/ जेल/ स्प्रे/घोल
ग्रिसोफुलविन स्प्रे आदि।
हाँ, क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम एक एंटिफनगल दवाई है जो काउंटर पर उपलब्ध होती है। इसे किसी भी दुकान से खरीदा जा सकता है। लेकिन किसी भी दवा का उपयोग करने से पहले चिकित्सक से परामर्श लेना सुरक्षित होता है, और जांच के बाद डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्रीप्शन से भी कलोट्रिमाजोल क्रीम मिलती हैं।
क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम कि कीमत भारत मे ३० रुपए से लेकर १४० रुपए के बीच होती है। इसमे बहुत से निर्माता जनेरिक दवाओ का उत्पादन करते हैं। अलग-अलग ब्रांड इसकी अलग कीमत निर्धारित करते हैं।
गर्भवती महिलाओं में क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम कि सुरक्षा से संबंधित सक्षम अध्ययन नहीं हैं। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि डॉक्टर से परामर्श लिया जाए। इसका निर्णय सिर्फ डॉक्टर कि जांच पर निर्भर करता है।
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Last Updated on: 19 January 2024
MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES
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Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More
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