Here are the 3 early signs of liver cancer:
If you have any of these symptoms, see your doctor right away.
भारत में हर 1 लाख लोगों में से 3 से 5 लोगों को लिवर कैंसर होने की संभावना रहती है। इसका अर्थ है हर साल लिवर कैंसर के 30,000 से 50,000 नए मामले आते हैं।
आमतौर पर शुरुआत में लिवर कैंसर के लक्षण और संकेत दिखाई नहीं देते जिस वजह से लिवर की स्थिति खराब होती जाती है और हमें पता भी नही चल पाता है। यदि समय पर लिवर कैंसर का इलाज नहीं किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
ऐसे में यह काफी जरुरी हो जाता हैं कि आपको लिवर कैंसर के लक्षण और उपाय के बारे में पता हो। तो आइये, इस आर्टिकल में लिवर कैंसर के शुरुआती और लिवर कैंसर के अंतिम लक्षण और इसके इलाज के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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लिवर हमारे शरीर का महत्वपूर्ण भाग है जो पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में और डायाफ्राम के नीचे स्थित होता है। लिवर खून में मौजूद अधिकांश रासायनिक तत्वों को नियंत्रित करता है।
आमतौर पर ४० साल की उम्र के लोगों में लिवर कैंसर (हेपैटोसेलुलर कैंसर) होने की संभावना युवाओं की तुलना में अधिक रहती है। लिवर कैंसर को कई बार हेपेटिक कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। लिवर कैंसर की पहचान करना बहुत ही मुश्किल होता है।
लिवर कैंसर हमारे लिवर की कोशिकाओं में शुरू होता है और धीरे-धीरे फैलने लगता है। जब कैंसर की कोशिकाएं जिगर से उसके आस पास की कोशिकाएं और अन्य अंगों में फैलने लगती है जहा लिवर की अन्य गतिविधियों में भी हस्तक्षेप करने लगती हैं तब लिवर कैंसर घातक हो सकता है और इस चरण को मेटास्टेसाइज कहते है।
शुरुआत में लिवर कैंसर के कोई ख़ास लक्षण दिखाई नहीं देते हैं लेकिन जैसे-जैसे लिवर कैंसर बढ़ने लगता है, वैसे-वैसे इसके लक्षण महसूस होना शुरू हो जाते हैं। लिवर कैंसर के अधिकतर मामलों में मूल कारण का नहीं पता चल पाता है। कुछ मामलों में हेपेटाइटिस का इन्फेक्शन इसका मुख्य कारण हो सकता है।
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वैसे तो लिवर कैंसर के कई प्रकार होते हैं लेकिन लिवर कैंसर के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं। पहला प्राइमरी लिवर कैंसर और दूसरा सेकेंडरी लिवर कैंसर।
प्राइमरी लिवर कैंसर में कैंसर की कोशिकाएं लिवर से ही विकसित होना शुरू करती हैं और अन्य ऊतकों और अंगों तक फैल जाती हैं। प्राइमरी लिवर कैंसर में भी कई प्रकार होते हैं जो निम्न हैं :
सेकंडरी लिवर कैंसर में कैंसर की कोशिकाओं का विकास किसी अन्य अंग में शुरू होता है और ये फैलकर लिवर तक पहुंच जाती हैं और लिवर को प्रभावित करती हैं, इसे मेटास्टेटिक लिवर कैंसर के नाम से भी जाना जाता है।
ज़्यादातर मरीज़ों को लिवर कैंसर की शुरुआत में कोई विशेष लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। लेकिन जैसे-जैसे लिवर कैंसर की स्थिति समय के साथ बिगड़ने लगती है वैसे-वैसे इसके लक्षण महसूस होने लगते हैं। लिवर कैंसर के प्रमुख लक्षण निम्न लिखित हैं:
ज़्यादातर मामलों में लिवर कैंसर होने के कारण स्पष्ट नहीं होते हैं। कुछ मामलों में लिवर कैंसर होने का कारण पता लगाया जा सकता है जैसे लिवर कैंसर का एक कारण क्रोनिक हेपेटाइटिस संक्रमण भी हो सकता है।
आमतौर पर लिवर कैंसर के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
रोग के विकास से जुड़े जोखिम कारकों को कम करने वाले कुछ उपाय करके लिवर कैंसर को रोका जा सकता है। लिवर कैंसर को रोकने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:
लिवर कैंसर का पता लगाना काफी मुश्किल हो सकता है क्योंकि लिवर कैंसर के लक्षण शुरू में नहीं दिखते। लिवर कैंसर का निदान करने के लिए, आपके डॉक्टर आपसे आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछेंगे और आपके शारीरिक जांच करेंगे। लिवर कैंसर के निदान परीक्षण और प्रक्रिया में निम्नलिखित टेस्ट शामिल हैं:
चिंता न करें। लिवर कैंसर का इलाज संभव है। लिवर कैंसर के उपचार के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। उपचार की प्रक्रिया तय करने के लिए आपके डॉक्टर निम्नलिखित कारकों पर विचार करेंगे और इसके आधार पर इलाज की प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी:
आपके लिवर में ट्यूमर की संख्या, आकार और स्थान?
आपका लिवर कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है?
सिरोसिस मौजूद है या नहीं?
कैंसर अन्य अंगों में फैल गया है या नहीं?
आमतौर पर लिवर कैंसर का इलाज निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है :
यदि आपको लिवर कैंसर है तो आहार परिवर्तन करना महत्वपूर्ण है क्योंकि लिवर हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन को तोड़ने और संसाधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिगर रक्त से विषाक्त पदार्थों और अपशिष्ट उत्पादों को छानने और उन्हें कम हानिकारक पदार्थों में बदलने के लिए जिम्मेदार होता है जिन्हें शरीर से बाहर निकाला जा सकता है। लिवर कैंसर इन कार्यों को बाधित कर सकता है और गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकता है।
लिवर कैंसर के लिए एक आहार में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए जो पोषक तत्वों से भरपूर हों और लिवर पर कोमल होने के साथ-साथ समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करते हों। यहाँ कुछ विशिष्ट खाद्य पदार्थों पर विचार किया गया है:
आयुर्वेद चिकित्सा की एक प्राचीन भारतीय प्रणाली है जो स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और बीमारी को रोकने के लिए जड़ी-बूटियों, आहार परिवर्तन और जीवन शैली में संशोधन का उपयोग करती है। हालांकि लिवर कैंसर के लिए कोई विशिष्ट आयुर्वेदिक उपचार नहीं है, लेकिन कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां और उपचार लक्षणों को प्रबंधित करने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में सहायक हो सकते हैं।
यहाँ कुछ आयुर्वेदिक उपचार दिए गए हैं जो अक्सर लिवर के स्वास्थ्य के लिए उपयोग किए जाते हैं:
यदि आपको लिवर कैंसर का निदान किया गया है या इसके विकसित होने का खतरा है, तो जीवनशैली में कुछ बदलाव करने से आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और जटिलताओं का खतरा कम हो सकता है। यहां जीवनशैली में कुछ बदलाव दिए गए हैं जो लिवर कैंसर के लिए फायदेमंद हो सकते हैं:
जीवनशैली में ये परिवर्तन करके, आप लिवर कैंसर के अपने जोखिम को कम करने और अपने समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
लिवर कैंसर गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकता है और इससे मृत्यु दर का उच्च जोखिम होता है। लिवर कैंसर से जुड़े कुछ जोखिमों और जटिलताओं में शामिल हैं:
लिवर कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है जो तब होती है जब लिवर में असामान्य कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं। लिवर कैंसर के लिए कई जोखिम कारक हैं, जिनमें क्रोनिक वायरल हेपेटाइटिस, अत्यधिक शराब का सेवन, मोटापा और विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आना शामिल है। प्रभावी उपचार के लिए शुरुआती पहचान महत्वपूर्ण है, और पेट दर्द, पीलिया और थकान जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
लिवर कैंसर के उपचार के विकल्पों में सर्जरी, विकिरण चिकित्सा, कीमोथेरेपी, लक्षित चिकित्सा, और ट्रांस-धमनी कीमोएम्बोलाइज़ेशन (TACE) शामिल हैं। जीवनशैली में बदलाव जैसे धूम्रपान छोड़ना, शराब का सेवन कम करना, स्वस्थ वजन बनाए रखना और नियमित व्यायाम करना भी लिवर कैंसर को रोकने और प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।
शराब के सेवन को सीमित करने, फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर स्वस्थ आहार का सेवन करने और हाइड्रेटेड रहने जैसे आहार परिवर्तन भी लिवर कैंसर के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। कुछ आयुर्वेदिक उपचार और उपचार जैसे दूध थीस्ल, हल्दी, आंवला, त्रिफला, योग और ध्यान भी लक्षणों को प्रबंधित करने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में सहायक हो सकते हैं।
कुल मिलाकर, लिवर कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है जिसके लिए शीघ्र निदान और उपचार की आवश्यकता होती है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर काम करने और स्वस्थ जीवन शैली विकल्प बनाने से लिवर कैंसर वाले व्यक्तियों के लिए परिणामों और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिल सकती है। इसलिए, यदि आप लिवर कैंसर को स्थायी रूप से और सुरक्षित रूप से ठीक करना चाहते हैं, तो HexaHealth में हमारे डॉक्टरों की टीम से संपर्क करें। हम यहां हर कदम पर आपकी मदद करने के लिए हैं।
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लिवर कैंसर के लक्षण आमतौर पर जल्दी पकड़ में नहीं आते हैं इसकी वजह से लिवर कैंसर गंभीर रूप ले सकता है। इसीलिए समय रहते लिवर कैंसर का पता लगना आवश्यक है। आमतौर पर लिवर टेस्ट और रक्त की जांच करने से लिवर कैंसर का पता लगाया जा सकता है। लिवर कैंसर का पता लगाने के लिए शारीरिक टेस्ट और हेल्थ हिस्ट्री, अल्फा-फेटोप्रोटीन ट्यूमर मार्कर टेस्ट, लिवर फंक्शन टेस्ट, सिटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड टेस्ट और पीईटी टेस्ट करके लिवर कैंसर का न सिर्फ पता लगाया जा सकता है बल्कि लिवर की स्थिति, ट्यूमर की संख्या आदि का पता चल सकता है।
आमतौर पर लिवर कैंसर के शुरुआती स्टेज में इस के संकेतों को पहचानना आम लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन यदि हम सतर्कता बरतते हैं तो लिवर कैंसर के संकेत पहचान सकते है। जैसे कि किसी काम करने के बाद थकान महसूस होना, मरीज का वजन घटना और उल्टी होना यह लिवर कैंसर के पहले संकेत हो सकते हैं।
अगर लिवर कैंसर का पता शुरू में ही लग जाए तो आमतौर पर लिवर कैंसर का इलाज संभव होता है। इसके अलावा लिवर कैंसर का इलाज मरीज़ के लिवर की स्थिति, ट्यूमर की संख्या, आकार, स्थान आदि पर निर्भर करता है। वर्तमान में लिवर कैंसर का इलाज निम्नलिखित तरीकों से किया जाता है लिवर ट्रांसप्लांट, कीमो थेरेपी, सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, एबलेशन |
लिवर कैंसर के अंतिम स्टेज में मरीज के लिम्फ नोड और अगल - बगल के अंगों में कैंसर फैल चुका होता है। अंतिम स्टेज के लिवर कैंसर को मेटास्टेटिक लिवर कैंसर भी कहते हैं। ऐसे में व्यक्ति की जीवित रहने की आशा बहुत कम रह जाती है। हालांकि अंतिम स्टेज में जीवित रहने का समय कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे लिवर कैंसर का प्रकार, मरीज का स्वास्थ्य,उपचार होने पर कुछ सुधार हुआ या नहीं, आदि। एक स्टडी में यह पाया गया कि लिवर कैंसर के अंतिम स्टेज में जीवित रहने की औसत दर ४ साल और ११ महीने होती है।
यदि लिवर कैंसर के लक्षणों की ओर अनदेखी किया गया या कैंसर के इलाज में देरी की गई तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। आमतौर पर कैंसर के अंतिम चरण में प्रलाप (डेलीरियम), बहुत अधिक थकान महसूस होना, सांस लेने में कठिनाई होन, दर्द होन, खांसन, कब्ज़ होना, निगलने में दिक्कत होना, सांस लेने के साथ खड़खड़ाहट की आवाज़ होना, मायोक्लोनिक झटके आना, बुखार आना, रक्तस्राव होना जैसे लक्षण हो सकते हैं|
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लिवर आपके शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। ऐसे में यदि लिवर में किसी प्रकार की समस्या हो जाए तो आपको कई तरह की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है; खासतौर पर जब लिवर में इंफेक्शन हो जाए। लिवर इंफेक्शन से लिवर डैमेज होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। लिवर इंफेक्शन के लक्षण कुछ इस तरह हो सकते हैं उल्टी और मतली आना, तेज पेट दर्द होना, कुछ लोगों के पेट में सूजन आ सकती, पीलिया होना, स्किन पर रैशेज आना, खुलजी होना, पेशाब के रंग में बदलाव नज़र आना और भूख की कमी।
यदि किसी वजह से आपके लिवर में सूजन आती है तो इसका सीधा असर आपके पाचन तंत्र पर पड़ता है। पाचन तंत्र बिगड़ने के कारण आपका शरीर कमजोर पड़ जाता है और आपको अन्य बीमारियां हो सकती हैं। वहीं, लिवर की कोशिकाओं में बहुत अधिक फैट जमने से आपको फैटी लिवर की समस्या भी हो सकती है जिसे हम लिवर में सूजन होना कहते हैं। यदि फैटी लिवर का सही से इलाज नहीं किया गया या इलाज में देरी होने पर लिवर कैंसर होने का खतरा रहता है।
लिवर कैंसर तब होता है जब लिवर कोशिकाओं के डीएनए में परिवर्तन होते हैं। डीएनए आपके शरीर में हर रासायनिक प्रक्रिया के लिए निर्देश देते हैं। डीएनए में परिवर्तन होने से इन निर्देशों में परिवर्तन हो जाते हैं। इसका एक यह परिणाम भी हो सकता है कि कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर बढ़ना शुरू कर दें और अंततः एक ट्यूमर का विकास होने लगे। लिवर कैंसर होता है तो मरीज को खुजली, आंखों या त्वचा का पीला पड़ना, पेट में दर्द या सूजन, पैर और टखनों में सूजन, मल में पीलापन, पेशाब का रंग गहरा होना, भूख नहीं लगना, थकान, उल्टी या जी मिचलाना आदि लक्षण देखने को मिल सकते हैं। यदि सही समय पर लिवर कैंसर का इलाज नहीं किया जाएं तो कैंसर वाला ट्यूमर आस-पास के ऊतकों और लिंफ नोड्स तक फैल सकता है जो काफ़ी ख़तरनाक हो सकता है।
लिवर आपके शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अधिक मात्रा में शराब का सेवन, धूम्रपान करना, अनियंत्रित खान-पान, आनुवांशिक कारण, जीवनशैली में बदलाव और अन्य कारणों से लिवर खराब होता है। लिवर डैमेज होने पर आपके शरीर में निम्नलिखित लक्षण दिख सकते हैं: खुजली होना, आंखों या त्वचा का पीला पड़ना, पेट में दर्द होना या सूजन आना, पैर और टखनों में सूजन आना, मल में पीलापन, पेशाब का रंग गहरा होना, भूख नहीं लगना, उल्टी होना या जी मिचलाना, थकान रहना, आसानी से स्किन पर नील पड़ जाना।
Last Updated on: 28 August 2023
MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES
12 Years Experience
Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More
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