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क्लोबेटा जीएम क्रीम - उपयोग, कीमत, फायदे और साइड इफेक्ट

कभी-कभी जब त्वचा में कवक  (फंगस) का संक्रमण हो जाता है। कवक वातावरण में हर जगह रहते हैं। नाखूनों और त्वचा में कवक का संक्रमण आसानी से फैलता है। 

त्वचा में इसके  संक्रमण के कारण पैदा हुए लक्षणों को खत्म करने के लिए क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल किया जाता है। डॉक्टर से परामर्श के बाद ही क्लोबेटा जीएम क्रीम की निर्धारित मात्रा का इस्तेमाल करना चाहिए। 

दवा का वर्ग

कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, एंटीफंगल और एंटीबायोटिक्स

बीमारी का इलाज

त्वचा के कवक संक्रमण 

खुराक 

दिन में दो बार

उपलब्ध सूत्रीकरण

क्रीम, लोशन, मलहम (ऑइंटमेंट)

ओवर-द-काउंटर दवा

ये ओवर-द-काउंटर दवा नहीं है

आदत

इस क्रीम की आदत नहीं लगती है

क्लोबेटा जीएम क्रीम के बारे में

क्लोबेटा जीएम क्रीम में पांच सक्रिय सामग्रियों का मिश्रण शामिल है, जिनमें क्लोबेटासोल, नियोमाइसिन, माइक्रोनाज़ोल, जिंक ऑक्साइड और बोरेक्स शामिल हैं। क्लोबेटासोल, जिसे स्टेरॉयड दवा के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 

प्रोस्टाग्लैंडिंस नामक विशिष्ट रासायनिक दूतों की पीढ़ी को रोककर कार्य करता है, जो त्वचा की लालिमा, सूजन और खुजली के लिए जिम्मेदार होते हैं।

इनके कार्य निम्नप्रकार के होते हैं:

  1. माइक्रोनाजोल- त्वचा में कवक के विकास को रोकने के लिए एंटीफंगल दवा माइक्रोनाजोल का इस्तेमाल किया जाता है। ये कवक को सुरक्षात्मक आवरण बनाने से रोकती है।

  1. नियोमाइसिन- ये एक एंटीबायोटिक है। यदि त्वचा संक्रमण बैक्टीरिया के विकास के कारण हो रहा है तो नियोमाइसिन इसे रोकने का काम करता है।

  1. क्लोबेटासोल- त्वचा में लाल चकत्तों, सूजन और खुजली के लिए कुछ रासायनिक संदेशवाहक जिम्मेदार होते हैं। क्लोबेटासोल इन रासायनिक संदेशवाहक के उत्पादन को रोकता है। यह एक स्टेरॉयड (एक प्रकार का हार्मोन) दवा है।

  2. बोरेक्स और जिंक- जब क्रीम को त्वचा में लगाया जाता है तो उसे आवश्यक पोषक तत्व भी मिलते हैं। बोरेक्स और जिंक त्वचा को पोषण देने के साथ मरी हुई त्वचा को भी हटाते हैं।

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क्लोबेटा जीएम क्रीम के बारे में

क्लोबेटा जीएम क्रीम में पांच सक्रिय सामग्रियों का मिश्रण शामिल है, जिनमें क्लोबेटासोल, नियोमाइसिन, माइक्रोनाज़ोल, जिंक ऑक्साइड और बोरेक्स शामिल हैं। क्लोबेटासोल, जिसे स्टेरॉयड दवा के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 

प्रोस्टाग्लैंडिंस नामक विशिष्ट रासायनिक दूतों की पीढ़ी को रोककर कार्य करता है, जो त्वचा की लालिमा, सूजन और खुजली के लिए जिम्मेदार होते हैं।

इनके कार्य निम्नप्रकार के होते हैं:

  1. माइक्रोनाजोल- त्वचा में कवक के विकास को रोकने के लिए एंटीफंगल दवा माइक्रोनाजोल का इस्तेमाल किया जाता है। ये कवक को सुरक्षात्मक आवरण बनाने से रोकती है।

  1. नियोमाइसिन- ये एक एंटीबायोटिक है। यदि त्वचा संक्रमण बैक्टीरिया के विकास के कारण हो रहा है तो नियोमाइसिन इसे रोकने का काम करता है।

  1. क्लोबेटासोल- त्वचा में लाल चकत्तों, सूजन और खुजली के लिए कुछ रासायनिक संदेशवाहक जिम्मेदार होते हैं। क्लोबेटासोल इन रासायनिक संदेशवाहक के उत्पादन को रोकता है। यह एक स्टेरॉयड (एक प्रकार का हार्मोन) दवा है।

  2. बोरेक्स और जिंक- जब क्रीम को त्वचा में लगाया जाता है तो उसे आवश्यक पोषक तत्व भी मिलते हैं। बोरेक्स और जिंक त्वचा को पोषण देने के साथ मरी हुई त्वचा को भी हटाते हैं।

क्लोबेटा जीएम क्रीम का उद्देश्य

आप जिस प्रकार के संक्रमण का इलाज कर रहे हैं उसके आधार पर, इसमें कई सप्ताह लग सकते हैं। क्लोबेटा जीएम क्रीम का उद्देश्य त्वचा के निम्न लक्षणों से छुटकारा दिलाना होता है:

  1. खुजली में कमी - संक्रमण के कारण पैदा हुई खुजली को खत्म करता है। दवा का असर एक सप्ताह के बाद दिखने लगता है।

  2. लालिमा खत्म होना- त्वचा में संक्रमण के कारण लालिमा पैदा हो जाती है। क्रीम का इस्तेमाल करने से धीरे-धीरे लालिमा में कमी आती है।

  3. सूजन कम होना - संक्रमण से त्वचा में सूजन आ जाती है। जब लगातार क्लोबेटा जीएम क्रीम लगाई जाए तो सूजन कम होने लगती है।

क्लोबेटा जीएम क्रीम के फायदे

त्वचा से कवक के साथ ही बैक्टीरिया के संक्रमण को दूर करने वाली क्लोबेटा जीएम क्रीम असरदार होती है। ये त्वचा संक्रमण के विभिन्न लक्षणों को दूर करती है। क्रीम का इस्तेमाल निम्नलिखित लक्षणों से राहत दिलाता है:

  1. सूक्ष्म जीवों के विकास को रोकना - क्रीम का इस्तेमाल निर्धारित समय तक करने से सूक्ष्मजीवों अपना विकास नहीं कर पाते हैं। इस कारण से संक्रमण के बढ़ने का खतरा कम हो जाता है। धीरे-धीरे संक्रमण पूरी तरह से खत्म हो जाता है। 

  2. दोबारा संक्रमण से राहत - यदि त्वचा संक्रमण एक बार ठीक हो गया है तो उसके दोबारा होने की संभावना भी हो सकती है।  क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल दोबारा हुए त्वचा संक्रमण को ठीक करता है। 

  3. सूजन में कमी - संक्रमण के कारण त्वचा सूज जाती है और साथ ही खुजली और जलन भी होती है।    क्रीम का उपयोग करने से सूजन के साथ ही अन्य लक्षणों से भी राहत मिलती है। 

खुजली, लाल चकत्ते, सूजन आदि की समस्या जब त्वचा में होती है तो क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल बहुत फायदा पहुंचाता है।

क्लोबेटा जीएम क्रीम इस्तेमाल करने के निर्देश

जब भी क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल करना हो, क्रीम के लेबल पर दिए गए निर्देशों को ध्यानपूर्पक पढ़ना चाहिए। इसे निम्न प्रकार से इस्तेमाल किया जा सकता है:

  1. सबसे पहले हाथों को धोने के बाद संक्रमण वाली जगह को अच्छी तरह से साफ कर लें। 

  2. अब उस स्थान को अच्छे से सुखा लेना चाहिए। 

  3. हाथों में क्रीम की कुछ मात्रा लेकर प्रभावित स्थान में एक पतली परत लगाएं। 

  4. जब तक क्रीम अवशोषित न हो जाए उसे लगाते रहे। 

  5. अब हाथों को अच्छी तरह से धो लें। 

दवा का प्रशासन मार्ग

दवा को गलत तरीके से इस्तेमाल करने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। दवा को त्वचा में लगाना है या फिर मुंह से लेना है, इसकी जानकारी बहुत जरूरी होती है। त्वचा में संक्रमण से छुटकारा दिलाने के लिए दवा का प्रशान मार्ग निम्न प्रकार का होता है-

  1. क्रीम -क्लोबेटा जीएम का इस्तेमाल क्रीम के रूप में बाहरी त्वचा में किया जाता है। 

  2. ओरल - दवा का सेवन मुंह से नहीं किया जाता है।

  3. इंजेक्शन - इस दवा का इस्तेमाल आंतरिक रूप से नहीं किया जाता है।

दवा का डोज

क्लोबेटासोल प्रोपियोनेट का इस्तेमाल सप्ताह में ५० ग्राम से अधिक नहीं करना चाहिए। साथ ही १२ साल से कम उम्र के बच्चों में भी इस क्रीम का इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है। 

दवा का ओवरडोज या अधिक इस्तेमाल

क्रीम त्वचा की सतह में समा जाती है। बच्चों में क्रीम का अधिक इस्तेमाल विषाक्तता के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकता हैं। इस बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी प्राप्त करें। 

दवा का इस्तेमाल भूल जाना

दवा का इस्तेमाल करने पर क्या समस्या हो सकती है, इस बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है।

क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल संबंधित सावधानियां

जब भी कभी डॉक्टर क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल करने की सलाह दें तो कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए। 

  1. क्रीम का सही इस्तेमाल - कवक त्वचा संक्रमण के अलावा क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल अन्य इलाज में नहीं करना चाहिए। जिस स्थान में घाव या कटी त्वचा हो, वहां  क्रीम का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। 

  2. हाथों की सफाई - क्लोबेटा जीए क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह से साफ जरूर करना चाहिए। जिस भी व्यक्ति को त्वचा संक्रमण है उसे अपनी क्रीम और कपड़े दूसरे व्यक्तियों को नहीं देने चाहिए। 

  3. गर्भावस्था व स्तनपान के दौरान - क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल गर्भावस्था या फिर स्तनपान के दौरान करना चाहिए या फिर नहीं, इस संबंध में सीमित डाटा उपलब्ध है।

त्वचा में अधिक सप्ताह तक क्रीम का उपयोग करने से बचना चाहिए। डॉक्टर से इस संबंध में अधिक जानकारी ली जा सकती है।

क्लोबेटा जीएम क्रीम का शारीरिक स्थिति पर प्रभाव

किसी भी दवा या क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर को अपनी शरारिक स्थिति के बारे में जानकारी देनी चाहिए। क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. गर्भावस्था - यदि महिला गर्भवती है तो क्रीम का इस्तेमाल बिना परामर्श के नहीं करना चाहिए। क्लोबेटा जीएम क्रीम गर्भावस्था पर प्रभाव डालती है या नहीं, इस संबंध में अधिक अध्ययन नहीं है। इस बारे में डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। 

  2. स्तनपान - स्तनपान कराने वाली महिलाओं को क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल बिना डॉक्टर से परामर्श किए नहीं करना चाहिए।

  3. एलर्जी की समस्या - यदि व्यक्ति को क्लोबेटा जीएम क्रीम के संघटक में से किसी से भी एलर्जी हो तो क्रीम का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। 

क्लोबेटा जीएम क्रीम के दुष्प्रभाव

कवक और बैक्टीरिया के संक्रमण को खत्म कर त्वचा को स्वस्थ्य करने वाली क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल करने से कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। 

  1. सूखेपन की समस्या - क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल करने से त्वचा में सूखापन आ सकता है। 

  2. जलन और खुजली - कुछ लोगों को त्वचा में क्रीम लगाने के बाद जलन, खुजली, लालिमा आदि भी महसूस हो सकती है। 

  3. त्वचा का पतला होना - क्रीम का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से त्वचा पतली महसूस हो सकती है।  

दुष्प्रभावों का प्रबंधन

त्वचा में क्रीम की बताई गई मात्रा का इस्तेमाल करना चाहिए। यदि गलती से क्रीम की अधिक मात्रा लग जाए तो उसे साफ कर लेना चाहिए। क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल करने के दौरान निम्न बातों की जानकारी जरूर होनी चाहिए-

  1. दवा के साथ पारस्परिक क्रिया - इस क्रीम की किसी दवा के पारस्परिक क्रिया के संबंध में जानकारी उपलब्ध नहीं है।

  2. भोजन के साथ पारस्परिक क्रिया - क्लोबेटा जीएम क्रीम की भोजन के साथ पारस्परिक क्रिया के संबंध में जानकारी उपलब्ध नहीं है।

  3. बीमारी के साथ पारस्परिक क्रिया - कोई शारीरिक स्थिति होने पर डॉक्टर को पहले से जानकारी जरूरी होता है। इस क्रीम की बीमारी के साथ पारस्परिक क्रिया के बारे में ज्ञात तथ्य नहीं है।

क्लोबेटा जीएम क्रीम का रखरखाव

बेहतर रखरखाव क्रीम के असर को बनाए रखता है। क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल करने के बाद इस तरह से रखरखाव किया जा सकता है।

  1. क्लोबेटा जीएम क्रीम को कमरे के सामान्य तापमाप में रखना चाहिए। 

  2. किसी बंद कंटेनर में क्रीम को सुरक्षित रख सकते हैं। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कमरे में धूप ना आ रही हो। 

  3. कभी भी क्रीम को फ्रिज में नहीं रखना चाहिए। 

  4. सुरक्षा के लिहाज से क्रीम को बच्चों और जानवरों की पहुंच से दूर रखें। 

जीवनशैली और आहार परिवर्तन

क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल करने के दौरान अपनी त्वचा की देखभाल करना भी बहुत जरूरी है। संक्रमण को क्रीम की मदद से ठीक किया जा सकता है। साथ ही  त्वचा को फायदा पहुंचाने वाले आहार को भी जीवनशैली में शामिल कर सकते है। स्वस्थ्य त्वचा के लिए निम्नलिखित बातों  पर ध्यान देना चाहिए- 

  1. पानी का सेवन - कम पानी पीने से त्वचा अस्वस्थ्य हो सकती है।  त्वचा को नमी प्रदान करने के लिए रोजाना आठ ग्लास पानी का सेवन करना चाहिए। 

  2. ओमेगा-3 युक्त आहार का सेवन - खाने में ओमेगा-3 युक्त आहार शामिल करने से त्वचा में जलन की समस्या से राहत मिलती है। खाने में पटसन के बीज (फ्लेक्ससीड्स), बादाम, चिया के बीज, अखरोट, सोयाबीन तेल आदि को शामिल किया जा सकता है।

  3. विटामिन सी युक्त आहार - खाने में विटामिन सी युक्त जोड़ने से त्वचा की झुर्रियां कम होती हैं। विटामिन सी के लिए स्ट्राबेरी, किवी और खट्टे फलों का सेवन करें। 

  4. विटामिन ई युक्त आहार - त्वचा की क्षति को रोकने के लिए विटामिन ई युक्त आहार का सेवन किया जाना चाहिए। आहार में बादाम, सूरजमुखी के बीज, मूंगफली आदि खाने चाहिए।

निष्कर्ष

शरीर के जिस स्थान पर अधिक नमी रहती है, वहां पर कवक का संक्रमण होने की अधिक संभावना रहती है। अगर आपको त्वचा का संक्रमण हो जाए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। संक्रमण की जांच करने के बाद डॉक्टर क्लोबेटा जीएम क्रीम लगाने की सलाह दे सकते हैं।

त्वचा संवेदनशील होती है। त्वचा में लाल चकत्ते, खुजली या फिर जलन को अनदेखा करना बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। अगर आप ऐसी समस्या से अक्सर परेशान रहते हैं तो HexaHealth से संपर्क करें। हमारी टीम के विशेषज्ञ आपको बीमारी के इलाज के बारे में भी जानकारी देंगे। आप त्वचा से संबंधित बीमारियों की शंकाओं को दूर कर सकते हैं।

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अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

कवक के कारण होने वाले त्वचा संक्रमण को ठीक करने के लिए क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल किया जाता है। बिना डॉक्टर की सलाह के इसे इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

त्वचा संबंधित बीमारियां जैसे कि एक्जिमा, डर्मटाइटिस आदि के लिए डॉक्टर क्लोबेटासोल प्रोपियोनेट क्रीम का इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं। इस संबंध में डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए। 

दोनों हीं क्रीम का इस्तेमाल त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। 

  1. क्लोबेटा जीएम क्रीम - इस क्रीम का इस्तेमाल कवक के कारण हुए संक्रमण को दूर करने के लिए किया है। 

  2. क्लोबेटासोल प्रोपियोनेट क्रीम आईपी का इस्तेमाल - त्वचा की बीमारियों जैसे कि सोरायसिस, एक्जिमा, डर्मटाइटिस आदि के लक्षणों को दूर करने के लिए इसे इस्तेमाल करते हैं। 

कवक के कारण फैले त्वचा संक्रमण को दूर करने के लिए क्लोबेटा जीएम क्रीम का उपयोग किया जाता है। इस क्रीम का असर एक हफ्ते बाद दिखने लगता है। डॉक्टर से परामर्श के बाद इस क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है।

जब त्वचा की कोशिकाओं के सूखने लगती तो खुजली होने लगती है। क्लोबेटासोल प्रोपियोनेट क्रीम का इस्तेमाल खुजली की समस्या को रोकता है। निम्न बीमारियों में इसे इस्तेमाल करने से फायदा पहुंचता है:

  1. सोरायसिस

  2. खुजली की बीमारी

  3. डर्मटाइटिस

यदि क्लोबेटा जीएम क्रीम ऑनलाइन खरीदी जा रही है तो इसकी कीमत में अंतर हो सकता है। १० ग्राम क्रीम की कीमत रु ४८ रु से ५४ तक हो सकती है।

त्वचा में संक्रमण के लक्षण दिखने पर निम्न प्रकार से क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है:

  1. सबसे पहले प्रभावित स्थान को साफ करें। 

  2. अब उस स्थान को सूखने दें और फिर क्रीम की एक परत लगाएं।

  3. कुछ देर तक क्रीम को लगाते रहें ताकि वो पूरी तरह से अवशोषित हो जाए।

  4. अब हाथों को अच्छी तरह से साफ कर लें।

क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल एक सप्ताह तक करने पर परिणाम दिखने शुरू हो जाते हैं। अगर ऐसा न हो तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।

हां, क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल करने से निम्न दुष्प्रभाव देखें जा सक्ते हैं:

  1. त्वचा का पतलापन 

  2. खुजली 

  3. जलन 

  4. लालिमा 

ये दुष्प्रभाव लंबे समय तक नहीं दिखते हैं।

यदि क्रीम का उपयोग किया जा रहा है तो व्यक्ति को सावधानी जरूर रखनी चाहिए। त्वचा में क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  1. क्लोबेटा जीएम क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले और बाद में हाथ अच्छी तरह से साफ करें।

  2. यदि कोई शारीरिक समस्या है तो डॉक्टर को जरूर बताना चाहिए।

  3. क्रीम के संघटक से एलर्जी होने पर उसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

  4. इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए। 

नहीं,  क्लोबेटा जीएम क्रीम को डॉक्टर से परामर्श के बाद खरीदा जा सकता है। बिना परामर्श के इस क्रीम को नहीं खरीदना चाहिए।

त्वचा संबंधी बीमारियों के निदान में इस्तेमाल होने वाली  क्लोबेटासोल प्रोपियोनेट क्रीम काउंटर पर उपलब्ध नहीं है। बिना डॉक्टर की सलाह के इसे नहीं खरीदा जा सकता है।

क्रीम को १५ ° और ३०° C के बीच स्टोर करें । इसको फ्रिज में नहीं रखना चाहिए।

गर्भवती महिला को क्लोबेटासोल प्रोपियोनेट क्रीम के इस्तेमाल को लेकर अधिक अध्ययन नहीं हुआ है। डॉक्टर से संपर्क के बाद ही किसी क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए।

क्लोबेटासोल प्रोपियोनेट क्रीम का इस्तेमाल १२ साल से कम उम्र के बच्चों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। अगर बच्चे में कवक संक्रमण के लक्षण दिखें तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

जब किसी भी प्रिस्क्रिप्शन क्रीम का इस्तेमाल डॉक्टर द्वारा बताई गई अवधि में किया जाए, तो उसे सुरक्षित माना जाता है। क्लोबेटासोल प्रोपियोनेट क्रीम का उपयोग सुरक्षित है। इस बारे में डॉक्टर से जानकारी जरूर लें।

त्वचा में क्लोबेटासोल प्रोपियोनेट क्रीम के विकल्प में इमीडाज़ोल्स को इस्तेमाल किया जा सकता है। डॉक्टर से इस बारे में जानकारी जरूर प्राप्त करनी चाहिए।

त्वचा के संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए क्लोबेटा जीएम क्रीम ऑनलाइन भी खरीदी जा सकती है। क्रीम की कीमत में अंतर हो सकता है। ३० ग्राम की एक ट्यूब की कीमत रु १२५ हो सकती है।

सन्दर्भ

हेक्साहेल्थ पर सभी लेख सत्यापित चिकित्सकीय रूप से मान्यता प्राप्त स्रोतों द्वारा समर्थित हैं जैसे; विशेषज्ञ समीक्षित शैक्षिक शोध पत्र, अनुसंधान संस्थान और चिकित्सा पत्रिकाएँ। हमारे चिकित्सा समीक्षक सटीकता और प्रासंगिकता को प्राथमिकता देने के लिए लेखों के संदर्भों की भी जाँच करते हैं। अधिक जानकारी के लिए हमारी विस्तृत संपादकीय नीति देखें।


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Last Updated on: 10 July 2024

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Sangeeta Sharma

Sangeeta Sharma

BSc. Biochemistry I MSc. Biochemistry (Oxford College Bangalore)

6 Years Experience

She has extensive experience in content and regulatory writing with reputed organisations like Sun Pharmaceuticals and Innodata. Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical conten...View More

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