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क्या ऑपरेशन के बाद मोतियाबिंद की वापसी संभव है?

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Medically Reviewed by Dr. Aman Priya Khanna
Written by Sangeeta Sharma, last updated on 31 October 2022| min read
क्या ऑपरेशन के बाद मोतियाबिंद की वापसी संभव है?

Quick Summary

    Can cataracts return after surgery?

  • No, cataracts cannot return after surgery because the intraocular lens implanted during surgery is an artificial lens that cannot develop cataracts.
  • However, some complications can lead to secondary cataracts, which have symptoms similar to cataracts.
  • Let's look at what complications can occur after cataract surgery and why they happen.
जी नहीं, मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मोतियाबिंद फिर से नही हो सकता है क्योंकि ऑपरेशन के दौरान लगाया जाने वाला इंट्राऑक्युलर लेंस एक आर्टिफिशियल लेंस होता है और यह लेंस मोतियाबिंद को विकसित नहीं कर सकता है। 
हालांकि कुछ जटिलताओं के कारण सेकंडरी मोतियाबिंद हो सकता है जिसके लक्षण मोतियाबिंद से मिलते - जुलते ही होते हैं। आइए देखते हैं मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद कौन सी जटिलताएं होती हैं और क्यों होती हैं

सेकंडरी मोतियाबिंद क्या है?

मोतियाबिंद का ऑपरेशन होने के बाद इंट्राऑक्युलर लेंस पर जब इपिथेलियल कोशिकाएं लेंस पर इकट्ठा होने लगती है या इंट्राऑक्युलर लेंस अपने निश्चित जगह से खिसक जाता है तो लेंस अपना काम ठीक से नही कर पाता यानी इंट्राऑक्युलर लेंस ठीक से प्रतिबिंब नही बना पाता है। इस स्थिति को सेकेंडरी मोतियाबिंद कहते हैं। मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद होने वाली यह एक आम जटिलता है। सेकंडरी मोतियाबिंद को ही पोस्टेरियर कैप्सूल ओपेसिफिकेशन कहा जाता है। 
सेकंडरी मोतियाबिंद होने पर हमें कुछ निम्नलिखित लक्षण दिखने लगते हैं: 
  1. धुंधलापन
  2. एक का दो दिखना 
  3. हल्का पीला दिखाई पड़ना
  4. प्रकाश के आसपास छल्ले दिखाई देना
  5. रात में बहुत कम दिखाई पड़ना 
  6. बल्ब को देखकर चौंधियाना
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पोस्टेरियर कैप्सूल ओपेसिफिकेशन ( सेकंडरी मोतियाबिंद)

लगभग २०% से ५०% मोतियाबिंद मरीजों में सेकेंडरी मोतियाबिंद देखने को मिलता है। मोतियाबिंद सर्जरी होने के २ से ५ सालों के अंदर सेकंडरी मोतियाबिंद होने की संभावना रहती है। हालांकि सेकेंडरी मोतियाबिंद का उपचार लेजर कैप्सुलोटॉमी की मदद से आसानी से हो जाता है। इसके बाद फिर से आंखें सामान्य हो जाती हैं।

मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद होने वाली अन्य जटिलताएं

  1. सिस्टॉयड मैकुलर एडिमा: यह मोतियाबिंद ऑपरेशन के ६ से ८ हफ्तों के भीतर हो सकता है। हालांकि आधुनिक फैकोएमल्सिफिकेशन विधि से ऑपरेशन होने पर यह १ से २% मरीजों में देखने को मिलता है।
  2. एंडोफ्थल्माइटिस: यह आंख में होने वाला संक्रमण है जो मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान सर्जन द्वारा या इसके बाद मरीज द्वारा सावधानी न रखने पर होता है। सर्जरी के बाद ८५ से अधिक वर्ष के मरीजों में एंडोफ्थल्माइटिस होने की संभावना अधिक रहती है। 
  3. सुप्राकोरॉइडल हैमरेज: इस स्थिति में सर्जरी के बाद आंख से खून निकल सकता है। इसका जोखिम उन लोगों में अधिक होता है
  4. लेंस अव्यवस्था: जब कैप्सूलर सपोर्ट सही नही रहता है तो इंट्राऑक्युलर लेंस अपनी जगह से खिसक जाता है जिसके कारण दिखने में दिक्कत होती है।

मोतियाबिंद ऑपरेशन का उद्देश्य

मोतियाबिंद सर्जरी की सफलता दर लगभग ९७% से ९९% तक की है। इसका अर्थ है कि अगर १०० लोगों का ऑपरेशन होता है तो ९७ से ९९ लोगों का ऑपरेशन सफल होता है। यह मेडिकल क्षेत्र की बड़ी उपलब्धि है।  
मोतियाबिंद ऑपरेशन का उद्देश्य मोतियाबिंद का परमानेंट इलाज १००% सफलता के साथ करना होता है लेकिन मरीज की उम्र, आंखों की स्थिति आदि वजहों से १% लोगों में कुछ जटिलताएं आ जाती हैं जिसमे से काफी जटिलताएं ठीक भी कर ली जाती हैं। 

निष्कर्ष

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Last Updated on: 31 October 2022

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Sangeeta Sharma

Sangeeta Sharma

BSc. Biochemistry I MSc. Biochemistry (Oxford College Bangalore)

6 Years Experience

She has extensive experience in content and regulatory writing with reputed organisations like Sun Pharmaceuticals and Innodata. Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical conten...View More

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