मोतियाबिंद, लेंस का धुंधला होना, नज़र ख़राब होने के सबसे सामान्य कारणों में से एक है, जिसके कारण दुनिया भर में अनुमानित 16 मिलियन लोग प्रभावित हैं। मोतियाबिंद उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का एक सामान्य हिस्सा है और आमतौर पर बुजुर्गों में देखा जाता है। बढ़ती उम्र के अलावा कई अन्य जोखिम कारकों की पहचान की गई है- आनुवंशिक संरचना (जेनेटिक स्ट्रक्चर), पराबैंगनी प्रकाश (अल्ट्रावायलेट लाइट) के संपर्क में आना, और मधुमेह। अब मोतियाबिंद के इलाज में काफी प्रगति हो चुकी है। इन प्रगतियों के बावजूद, मोतियाबिंद एक प्रमुख सार्वजनिक-स्वास्थ्य मुद्दा बना हुआ है जिसका महत्व जनसंख्या बढ़ने के साथ-साथ और भी बढ़ेगा। पूरी जानकारी के लिए कृपया पूरा ब्लॉग पढ़ें।
कैटरेक्ट में, जिसे मोतियाबिंद के नाम से भी जाना जाता है, आंखों के लेंस के आसपास सफेद धुंधलापन छाने लगता है, जिससे आँखों की रौशनी पर असर पड़ता है।
मोतियाबिंद के लक्षण क्या हैं?
रात के समय या अंधेरी जगह में देखने में परेशानी होना।
मोतियाबिंद के लिए उम्र है सबसे बड़ा जोखिम कारक
मोतियाबिंद के लिए उम्र सबसे बड़ा जोखिम कारक है। आइए इस बारे में और जानें:
उम्र से संबंधित मोतियाबिंद 3 तरह के होते हैं:
न्यूक्लियर स्क्लेरोटिक कैटरेक्ट
एक न्यूक्लियर स्क्लेरोटिक कैटरेक्ट विकसित होने वाला मोतियाबिंद का सबसे धीमा प्रकार है, और कई वर्षों में जाकर बनता है। यदि किसी रोगी को न्यूक्लियर स्क्लेरोटिक कैटरेक्ट है, तो दृष्टि में परिवर्तन होने में कई वर्ष लग सकते हैं। एक न्यूक्लियर स्क्लेरोटिक कैटरेक्ट समय के साथ विकसित हो सकता है और किसी का ध्यान नहीं जा सकता है। जब अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो इससे अंधापन हो सकता है। न्यूक्लियर स्क्लेरोटिक कैटरेक्ट की शुरुआत में ही जांच करके इस स्थिति से बचा जा सकता है।
कॉर्टिकल कैटरेक्ट
पोस्टीरियर कैप्सुलर कैटरेक्ट
पोस्टीरियर कैप्सुलर कैटरेक्ट कम उम्र से संबंधित है। ये आमतौर पर उन रोगियों को प्रभावित करता है जो स्टेरॉयड का उपयोग करते हैं या जिन्हें मधुमेह है। जब पोस्टीरियर कैप्सुलर कैटरेक्ट विकसित होता है, तो लेंस के पीछे का क्षेत्र अपारदर्शी हो जाता है। इसका मतलब है कि आप अत्यधिक चकाचौंध और तेज रोशनी के प्रति संवेदनशीलता जैसे लक्षणों का अनुभव करेंगे। अगर आपको लगता है कि आपको पोस्टीरियर कैप्सुलर कैटरेक्ट है, तो जल्द से जल्द इसकी जांच करवाएं। पोस्टीरियर कैप्सुलर कैटरेक्ट विकसित होने के बाद तेजी से बढ़ता है।
मोतियाबिंद का देर से इलाज कराने के जोखिम इस प्रकार हो सकती हैं:
जैसे ही आप नज़र में गड़बड़ी को नोटिस करना शुरू करते हैं, इससे पहले कि आपकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर इसका असर पड़े जैसे पढ़ने या ड्राइविंग में कठिनाई होना, आप इलाज करने के लिए हेक्साहेल्थ के माध्यम से नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें। कृपया मोतियाबिंद के बिगड़ने का इंतज़ार न करें; वर्ना आपकी नज़र हमेशा के लिए बेकार हो सकती है।
अपनी आंखों की सुरक्षा और मोतियाबिंद में देरी करने के लिए, यदि आप 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं, तो हर 2 साल में कम से कम एक बार आंखों की जांच करवाएं। नियमित अंतराल में अपनी आंखों की जांच करवाना जरूरी है। यदि आप कोई अन्य सहायता चाहते हैं, तो बेझिझक हमारे व्यक्तिगत देखभाल सहायक से संपर्क करें, वे आपके हर कदम पर आपका मार्गदर्शन और सहायता करेंगे। मोतियाबिंद से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.hexahealth.com पर भी जा सकते हैं।
Last Updated on: 30 July 2022
MBBS, DNB Obstetrics and Gynaecology, Diploma In Cosmetic Gynaecology
9 Years Experience
Dr Arti Sharma is a well-known Obstetrician and Cosmetic Gynaecologist currently associated with Aesthetica Veda in Bengaluru. She has 9 years of experience in Obstetrics and Cosmetic Gynaecology and worked as an expert Obstetrician...View More
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