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घुटनों में दर्द क्यों होता है? - जानें इसका सही कारण और स्थायी समाधान

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Medically Reviewed by Dr. Aman Priya Khanna
Written by Sangeeta Sharma, last updated on 17 July 2023| min read
घुटनों में दर्द क्यों होता है? - जानें इसका सही कारण और स्थायी समाधान

Quick Summary

  • Knee pain is a common problem in India, affecting around 150 million people.
  • Knee pain can be treated with medication or surgery, and in some cases, a knee replacement may be necessary.
  • There are a number of different types of knee pain, each with its own causes and treatments.

भारत में लगभग १५ करोड़ लोग घुटनों में होने वाले दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं। घुटनों का दर्द अक्सर दैनिक जीवन को भी प्रभावित करने लगता है। ऐसे में दर्द के साथ एक जगह बैठे रहना बेचैनी और शून्यता का एहसास कराता है। 



घुटनों के दर्द का इलाज संभव है और दवाइयों या उपचार से ठीक न होने पर घुटने को सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट भी कर दिया जाता है। इसे घुटनों के दर्द का स्थायी इलाज कहा जा सकता है। चलिए जानते हैं कि घुटनों में दर्द क्यों होता है और इसके स्थायी इलाज के रूप में कौन - कौन से विकल्प उपलब्ध हैं ।

घुटनों का दर्द

जब घुटनों में उपस्थित हड्डियों, लिगामेंट, टेंडन, मांसपेशियों में किसी भी प्रकार की चोट लगती है, खिंचाव होता है या हड्डियां नष्ट होने लगती हैं तो घुटनों में दर्द होता है। घुटनों में दर्द अस्थायी रूप से भी होता है जिसे घरेलू उपायों के द्वारा ठीक किया जा सकता है। स्थायी रूप से होने वाले घुटनों के दर्द में चिकित्सा की आवश्यकता होती है। 
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घुटनों में दर्द का कारण

घुटनों में होने वाला दर्द कुछ बीमारियों, चोट लगने या अन्य वजहों से हो सकता है। घुटनों में दर्द होने के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं: 

चोट के कारण

चोट या फ्रैक्चर होने के कारण भी घुटनों में असहनीय दर्द हो सकता है। आमतौर पर लगने वाले चोट कुछ इस तरह हैं:  
  1. मीडियल कोलेटरल लिगामेंट: यह खिलाड़ियों को लगने वाला सामान्य चोट है जिसमे घुटनों के बीच का लिगामेंट आंशिक रूप से या पूरी तरह टूट जाता है। 
  2. बर्साइटिस: शरीर के १५० जगहों पर तरल पदार्थ से भरी हुई थैलियां होती हैं जो हड्डियों में होने वाली रगड़, जलन और सूजन को कम करती हैं। इन द्रव युक्त थैलियों को बर्सा कहा जाता है। घुटनों के अधिक इस्तेमाल से बुर्सा में सूजन आ जाता है और दर्द करता है।
  3. नी - कैप डिसलोकेशन:अधिक वजन के कारण या कोई क्रियाकलाप करते समय पटेला हड्डी यानी घुटने की कटोरी अपने स्थान से हट जाती है जिससे घुटनों में दर्द होता है। 
  4. मेनिस्कस (मिनिस्कस) टियर: अधिक भार के साथ अचनाक घुटनों के मुड़ने पर मिनिस्कस कार्टिलेज फट जाता है जिससे घुटनों में दर्द होता है।  

अर्थराइटिस

घुटनों में होने वाले दर्द के मुख्य कारणों में से एक अर्थराइटिस भी है। घुटनों में दर्द होना निम्नलिखित अर्थराइटिस का संकेत भी हो सकता है: 
  1. रूमेटाइड अर्थराइटिस: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली खुद ही शरीर के ऊतकों को खत्म करने लगती है। विशेष रूप से घुटनों की बात करें तो रूमेटाइड अर्थराइटिस घुटनों के जोड़ों की परत पर असर डालता है जिससे सूजन और दर्द भी होता है। यह आगे चलकर हड्डियों को नष्ट करने लगता है जिससे शारीरिक विकलांगता भी हो सकती है। 
  2. ओस्टियोअर्थराइटिस: यह उम्र के साथ होने वाली हड्डियों में होने वाली आम बीमारी है। ओस्टियोअर्थराइटिस में टेंडन और लिगामेंट नष्ट होने लगते हैं और धीरे - धीरे कार्टिलेज टूटने लगते हैं। इससे घुटनों में सूजन और दर्द बढ़ जाता है। 

यांत्रिकी ( मैकेनिकल ) कारण

ऐसे क्रियाकलाप जिसमे बार - बार घुटनों के जोड़ों में रगड़ होती है। खासकर बच्चों और खिलाड़ियों में घुटनों का दर्द हड्डियों के अधिक इस्तेमाल से होता है।   
  1. पेटेलोफेमोरल सिंड्रोम: खेलकूद और दौड़भाग करने से घुटनों के ठीक ऊपर वाली परत में दर्द होता है। आमतौर पर यह आराम करने और सिकाई से ठीक हो जाता है।  
  2. ऑस्‍गुड श्‍लैटर बीमारी: यह कम उम्र के युवाओं में होने वाली आम बीमारी है। ऑस्‍गुड श्‍लैटर में पटेला ( घुटनों की कटोरी ) के ठीक नीचे सूजन और दर्द होता है। 
  3. टेंडोनाइटिस: घुटने की हड्डियों और मांसपेशियों को जोड़ने वाले ऊतकों को टेंडन कहते हैं। टेंडन में सूजन आने पर घुटनों के जोड़ों में कम या तेज दर्द हो सकता है।

अन्य कारण

  1. मोटापा: शरीर का वजन अधिक होने से हड्डियों और जोड़ों पर दबाव बढ़ जाता है जिससे जोड़ों में फ्रैक्चर होने की संभावना बढ़ जाती है और घुटनों में दर्द हो सकता है। 
  2. वृद्धावस्था: आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कैल्शियम और हड्डियों की ग्रीस कम होने लगती है । इस अवस्था में घुटनों और अन्य जोड़ों में दर्द हो सकता है।  
  3. गर्भावस्था: गर्भावस्था में शरीर का वजन बढ़ने से घुटनों में दर्द देखा जा सकता है।   
  4. पोषक तत्वों की कमी: हड्डियों को मजबूत रखने में कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, प्रोटीन, ओमेगा - 3 फैटी एसिड, विटामिन बी १२, विटामिन डी जैसे तत्व बहुत आवश्यक होते हैं। इन तत्वों की कमी होने से घुटनों में दर्द होता है।

घुटनों में दर्द का स्थायी इलाज

आमतौर पर घुटनों के दर्द में दवाइयों और इंजेक्शन के माध्यम से कुछ समय के लिए आराम पाया जा सकता है। कुछ मामलों में नॉन सर्जिकल तरीकों से ही घुटनों में पूरी तरह आराम हो जाता है लेकिन कुछ मामलों में सर्जरी की जरूरत पड़ती है। सर्जिकल और गैर सर्जिकल दोनो ही तरीकों से घुटने का दर्द स्थाई रूप से ठीक हो सकता है जो निम्नलिखित है: 

घुटनों में दर्द का गैर सर्जिकल उपचार

गैर सर्जिकल उपचार से घुटने का दर्द अस्थाई और स्थाई रूप से ठीक हो सकता है। कुछ मुख्य गैर सर्जिकल उपचार निम्नलिखित हैं: 
  1. जीवनशैली में बदलाव: घुटनों में दर्द होने के पीछे खराब जीवनशैली भी एक कारण हो सकती है। घुटनों के दर्द से आराम पाने के लिए पौष्टिक आहार जैसे ताजा फल, सब्जियां, मेवे और पानी संतुलित मात्रा में लेना चाहिए। ऐसे में शराब, धूम्रपान और फास्टफूड का सेवन करने से हड्डियां कमजोर होती हैं इसलिए इन चीजों का सेवन नही करना चाहिए।
  2. घरेलू उपाय: घुटनों के दर्द से राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपाय जैसे सिकाई की मदद ली जा सकती है। इसके अलावा हल्दी और दूध को मिलाकर सेवन करने से घुटनों का दर्द कम हो सकता है।
  3. व्यायाम: घुटनों के दर्द से आराम पाने में व्यायाम काफी हद तक मदद कर सकते हैं। कुछ असरदार व्यायाम जैसे हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच, लेग एक्सटेंशन, और हील स्ट्रेच करने से लिगामेंट, मांसपेशियो और टेंडन में लचीलापन बढ़ता है। 
  4. दवाईयां: घुटनों में दर्द से आराम पाने के लिए दर्दनिवारक दवाईयां ली जा सकती हैं।
  5. इंजेक्शन: घुटनों का दर्द जब किसी घरेलू उपाय या दवा से ठीक नही होता है तो डॉक्टर इंजेक्शन दे सकते हैं जिससे घुटनों का दर्द स्थाई या अस्थाई रूप से ठीक हो सकता है। 

घुटनों में दर्द का सर्जिकल उपचार

घुटनों में हुई गंभीर समस्या जो नॉन - सर्जिकल तरीको से ठीक नही हो पाती है उसे निम्नलिखित सर्जरी द्वारा ठीक किया जा सकता है: 
  • आर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी: इस सर्जरी में बहुत ही छोटे कैमरा की मदद से घुटनों में हुई समस्या को मॉनिटर पर साफ - साफ देखा जाता है। इस तकनीक की मदद से ऑर्थोपेडिक सर्जन जोड़ों और लिगामेंट में आई चोट या जटिलता को ठीक कर देता है।  
  • पार्शियल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी: इस सर्जरी में घुटनों के खराब हो चुके हिस्से और जिसकी वजह से दर्द होता है उसे निकाल दिया जाता है। खराब हो चुके हिस्से की जगह धातु और प्लास्टिक से बने हिस्से को ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है। इस सर्जरी में छोटे - छोटे चीरे लगाए जाते हैं जिससे घावों को भरने में अधिक समय नहीं लगता है। 
  • टोटल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी: यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें डैमेज हुए घुटने को पूरी तरह निकाल दिया जाता है। प्राकृतिक घुटने की जगह आर्टिफिशियल घुटने की ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है जो धातु, अच्छी गुणवत्ता के प्लास्टिक और पॉलिमर से बना होता है।  
  • ओस्टियोटॉमी: ओस्टियोटॉमी में घुटनों की अलाइनमेंट सही करने के लिए जांघ और पिंडली की हड्डी ( टिबिया ) को काटकर फिर से आकार दिया जाता है। इस प्रकार दर्द का स्थायी इलाज हो जाता है। आमतौर पर ओस्टियोटॉमी  करने के बाद घुटनों को पूरी तरह ट्रांसप्लांट करने की जरूरत नहीं पड़ती है या फिर इसे कुछ समय के लिए टाला जा सकता है।  

सारांश

हमने इस लेख में जाना कि घुटनों में दर्द होने का कारण चोट, आर्थराइटिस, खेलकूद या हड्डियों का अधिक इस्तेमाल करना और कुछ अन्य कारणों से हो सकता है। घुटनों में हो रहे दर्द को स्थायी रूप से ठीक करने के लिए दवाईयां, थेरेपी और सर्जरी की जाती है। जब दवाईयां और थेरेपी से दर्द का स्थायी इलाज नहीं हो पाता है तो सर्जन घुटनों की सर्जरी करते हैं जो लंबे समय के लिए दर्द से राहत दे सकता है। 

घुटनों के दर्द का स्थायी इलाज अब हेक्साहेल्थ के माध्यम से बिल्कुल आसान है। HexaHealth पर उपलब्ध १५०० से भी अधिक एक्सपर्ट डॉक्टर मरीज को सर्जरी से जुड़ी सलाह निशुल्क देते हैं। सर्जरी के लिए हॉस्पिटल में भर्ती होने से लेकर पूरी तरह ठीक होने तक प्रशिक्षित हेक्साबडीज ( हेक्साहेल्थ टीम ) आपका पूरा ख्याल रखते हैं। हमारे २५०००+ पेशेंट हमारी सेवा से पूर्ण रूप से संतुष्ट और खुश हैं।

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

घुटनों में दर्द होने पर सबसे पहले हड्डी रोग विशेषज्ञ यानी ऑर्थोपेडिक डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर जोड़ों का निदान करके उचित उपचार शुरू करते हैं। 
  1. घरेलू उपायों में जोड़ों की सिकाई, हल्दी दूध का सेवन, एसेंशियल ऑयल की मालिश, कैल्शियम युक्त आहार लेने से जोड़ों का दर्द कम हो सकता है। 
  2. व्यायाम में मर्जारासन, सेतु - बंध सर्वांगासन, श्वानासन, नी टू चेस्ट स्ट्रेच आदि व्यायाम करने से घुटनों का दर्द कम हो सकता है। 
घुटने का दर्द मुख्य रूप से विटामिन डी और कैल्शियम की कमी से होता है। इसके अलावा अन्य पोषक तत्वों जैसे आयरन, प्रोटीन, मैग्नीशियम, विटामिन बी १२ की कमी से भी ओस्टियोआर्थराइटिस जैसी बीमारी देखने को मिल सकती है। 
 
घुटनों में दर्द होने पर अधिक शक्कर वाली चीजें जैसे आइसक्रीम, मिठाइयां नही खानी चाहिए। ज्यादा नमक वाले खाने , ट्रांस और सैचुरेटेड फैट वाले खाद्य पदार्थ जैसे फ्राइड फूड, रेड मीट के साथ - साथ शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। ये सभी चीजें घुटनों में सूजन को बढ़ाते हैं जिससे दर्द बढ़ जाता है इसलिए ऐसे भोज्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
 
महिलाओं के घुटनों में दर्द होना कई कारणों से हो सकता है। आमतौर पर वजन बढ़ने से और शरीर के ढांचे के कारण घुटनों पर दबाव बढ़ता है जिससे दर्द होता है। कुछ अन्य कारण जैसे कार्टिलेज, लिगामेंट में फ्रैक्चर, घुटनों में बार - बार चोट लगने के कारण भी दर्द होता है।
 
घुटने को मजबूत करने के लिए मछली, नट्स, शहतूत, फलियां, अदरक, प्याज, हल्दी, होल ग्रेन, अंडा, डार्क चॉकलेट आदि का सेवन किया जा सकता है। इन भोज्य पदार्थों में कैल्शियम, ओमेगा थ्री फैटी एसिड, आयरन, प्रोटीन अच्छी मात्रा में होते हैं जो हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाते हैं। 
 
घुटने में गैस बनने के कारण कट - कट की आवाज आती है, इसे क्रिपिटस भी कहा जाता है। क्रिपिटस से कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन यह ओस्टियोआर्थराइटिस के शुरुआती स्तर का संकेत हो सकता है। घुटनों से आवाज आने पर किसी ऑर्थोपेडिक डॉक्टर के पास जाना चाहिए। ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से सलाह लेने के लिए आप हेक्साहेल्थ की मदद ले सकते हैं। 
 

Last Updated on: 17 July 2023

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Sangeeta Sharma

Sangeeta Sharma

BSc. Biochemistry I MSc. Biochemistry (Oxford College Bangalore)

6 Years Experience

She has extensive experience in content and regulatory writing with reputed organisations like Sun Pharmaceuticals and Innodata. Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical conten...View More

विशेषज्ञ डॉक्टर (2)

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