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घुटनों की एक्सरसाइज - दर्द से हो परेशान तो रोज करें ये फायदेमंद व्यायाम

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Medically Reviewed by Dr. Aman Priya Khanna
Written by Sangeeta Sharma, last updated on 26 September 2023| min read
घुटनों की एक्सरसाइज - दर्द से हो परेशान तो रोज करें ये फायदेमंद व्यायाम

Quick Summary

  • घुटने में दर्द होने पर विशेष एक्सरसाइज करने से सूजन और दर्द में कमी आ सकती है।
  • कुछ विशेष घुटनों के दर्द की एक्सरसाइज करने से न सिर्फ घुटनों के दर्द से आराम होता है बल्कि अन्य जोड़ों और मांसपेशियों में हो रहे दर्द और सूजन से भी आराम मिल सकता है।
  • घुटनों के लिए एक्सरसाइज करने का सही तरीका जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

घुटने में दर्द होना कई कारणों से हो सकता है। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक देखा जाता है। ऐसे में घुटनों के लिए विशेष एक्सरसाइज करने से सूजन और दर्द में कमी आ सकती है। ऐसा कई अध्ययनों में देखा गया है कि एक्सरसाइज करने वाले लोगों में घुटनों का दर्द कम तीव्रता वाला होता है।

कुछ विशेष घुटनों के दर्द की एक्सरसाइज करने से न सिर्फ घुटनों के दर्द से आराम होता है बल्कि अन्य जोड़ों और मांसपेशियों में हो रहे दर्द और सूजन से भी आराम मिल सकता है। तो आइए जानते हैं घुटनों के लिए एक्सरसाइज क्या है और इन्हें करने का सही तरीका क्या है। 

घुटनों का दर्द

जब घुटनों के लिगामेंट, टेंडन, मांसपेशियों, हड्डियों, कार्टिलेज या बुर्सा में कोई सूजन या चोट आती है तो घुटनों में दर्द का एहसास हो सकता है। यह दर्द कम या ज्यादा हो सकता है। घुटनों में  होने वाला दर्द कई कारणों से होता है जैसे 

  1. आर्थराइटिस, 
  2. लगातार दौड़ - भाग 
  3. चोट लगने के कारण

घुटने में दर्द होने के साथ - साथ सूजन, कठोरता, चलने पर घुटनों से आवाज, घुटनों को मोड़ने और सीधा करने में दिक्कत, घुटनों में जलन और लाल निशान आदि देखे जा सकते हैं। 

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व्यायाम करने के फायदे

कई अध्ययनों में पाया गया कि व्यायाम करने से घुटनों में हो रहा दर्द काफी कम हो सकता है। व्यायाम करने के फायदे कुछ इस प्रकार हैं: 

  1. व्यायाम करने से शरीर का वजन नियंत्रित रहता है जिससे घुटनों पर जोर कम पड़ता है और दर्द नही होता है।
  2. जोड़ों में मौजूद कार्टिलेज, मांसपेशियां और टेंडन में लचीलापन आता है जिससे फ्रैक्चर होने की संभावना कम रहती है। 
  3. व्यायाम से प्रतिरक्षा प्रणाली और मानसिक स्थिति भी अच्छी रहती है जिससे किसी भी प्रकार का विकार देखने को नही मिलता है।
  4. व्यायाम करते समय घुटनों सहित पूरे शरीर में रक्तसंचार और ऑक्सीजन स्तर में इजाफा होता है जिससे दर्द और सूजन नही होता है।

घुटने की एक्सरसाइज

घुटने में दर्द होने पर कई तरह की एक्सरसाइज की जा सकती हैं जिससे लिगामेंट और टेंडन में लचीलापन बढ़ता है और इस तरह एक्सरसाइज दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। 

कुछ निम्नलिखित घुटने की एक्सरसाइज इस प्रकार हैं - 

स्ट्रेट लेग रेज़िज़

यह एक्सरसाइज करने में बहुत आसान है और यह घुटनों की मांसपेशियों मजबूत बनाने और घुटने में होने वाले दर्द को भी कम करने में सहायक हो सकती है। 

करने का तरीका 

  1. सबसे पहले जमीन पर लेट जाएं।
  2. अपने घुटनों को मोड़ कर रखें और अपने पैरों को बिल्कुल सपाट रखें। 
  3. उसके बाद फिर अपने एक पैर को धीरे धीरे से ऊपर की तरफ उठाएं। ‌
  4. अपने पैर को दूसरे पैर के मुड़े हुए घुटने की ऊंचाई तक लाने की कोशिश करें। थोड़ी देर तक ऐसे ही रहें और फिर वापस आ जाएं। 
  5. अब दूसरे पैर के साथ भी इसी तरह एक्सरसाइज को दोहराएं। ‌

साइड स्ट्रेट लेग रेज़़

यह घुटनों की एक्सरसाइज कूल्हे की मांसपेशियों को मजबूत बनाने का काम करती है। इसके अलावा यह घुटनों को स्थिर रखने के साथ-साथ दर्द को भी कम करने में सहायता कर सकती है। 

करने का तरीका 

  1. एक करवट से लेट जाएं।
  2. अब अपने नीचे वाले पैर के घुटने को मोड़ लें। 
  3. दूसरे पैर को सीधा करते हुए ऊपर की तरफ उठाएं। 
  4. थोड़ी देर तक इसी अवस्था में रहें और फिर वापस आ जाएं और दूसरे पैर के साथ इसी प्रक्रिया को दोहराएं।

काफ रेज़ 

यह एक्सरसाइज पिंडली की मांसपेशियों को मजबूती देने में मदद करती है और इसके साथ ही साथ यह मेनिस्कस, कार्टिलेज और लिगामेंट को अनावश्यक तनाव से भी बचाने का काम करती है। 

करने का तरीका 

  1. किसी दीवार या कुर्सी के पास समतल फर्श के ऊपर खड़े हो जाएं। 
  2. अब कुर्सी या दीवार को अपने हाथों से पकड़ कर अपने पैरों के पंजों के बल खड़े हो जाएं और अपनी पिंडली की मांसपेशियों को दबाएं। 
  3. थोड़ी देर इसी अवस्था में रहने के बाद फिर धीरे-धीरे शुरुआती स्थान में आ जाएं। 

हिप ब्रिज 

हिप ब्रिज ऐसी एक्सरसाइज है जो घुटने की स्थिरता को बनाए रखती है और कूल्हे को भी मजबूती देने में कारगर हो सकती है। 

करने का तरीका

  1. जमीन पे पीठ के बल लेट जाएं और अपने घुटने मोड़कर पैरों को जमीन पर सपाट रखें।
  2. अब अपने ग्ल्यूटस को दबाते हुए अपने कूल्हों को ऊपर की तरफ उठाएं। 
  3. थोड़ी देर इसी मुद्रा में रहें और फिर धीरे-धीरे वापस आ जाएं। 

क्वाड्रिसेप्स स्ट्रेच 

इस एक्सरसाइज को करने से क्वाड्रिसेप्स मांसपेशियों में लचीलापन आता है और इसके साथ साथ कूल्हे की फ्लैक्सर मांसपेशियों को मजबूत करती है। 

करने का तरीका 

  1. किसी दीवार के सहारे खड़े हो जाएं। इसके लिए कुर्सी का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। 
  2. पैरों को कंधों जितनी चौड़ाई में रखें। 
  3. अब अपने एक पैर के टखने को पकड़ते हुए उसे अपने ग्ल्यूटस की तरफ खींचे। 
  4. 30 सेकंड तक के लिए इसी मुद्रा में रहें। 
  5. अब वापस शुरुआती स्थिति में आ जाएं और फिर दूसरे पैर से इस एक्सरसाइज को दोहराएं। 

हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच

हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच एक्सरसाइज जांघ के पीछे की मांसपेशियों को मजबूत करती है। इस एक्सरसाइज को करते समय पिंडली में खिंचाव महसूस हो सकता है। 

करने का तरीका 

  1. फर्श पर मैट बिछाकर सीधे लेट जाएं।
  2. अब अपने दोनों पैरों को सीधा फैला लें।
  3. अब एक पैर को फर्श पर से ऊपर उठाएं।‌ अपने हाथों से सहारा देते हुए अपने घुटने को अपनी छाती की तरफ लेकर आएं। 
  4. इस मुद्रा में 30 सेकंड तक रहें और फिर वापस शुरुआती अवस्था में आ जाएं।
  5. अब दूसरे पैर से भी इस एक्सरसाइज को करें। 

वॉल स्क्वैट्स 

इस घुटनों की एक्सरसाइज को करने से घुटनों का दर्द भी कम होता है और कूल्हों की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। 

करने का तरीका 

  1. किसी दीवार के सहारे अपने सिर, कंधे, कमर और कूल्हे सटाकर खड़े हो जाएं।
  2. अपने दोनों पैरों को दीवार से 24 इंच की दूरी पर रखें। 
  3. धीरे-धीरे अब नीचे की तरफ बैठने की मुद्रा में आएं। ‌
  4. इस स्थिति में 5 सेकंड तक रहें और वापस ऊपर चले जाएं। 
  5. इसे कई बार दोहराएं। 

डबल नी टू चेस्ट

यह एक बहुत ही आसान मगर असरदार घुटनों के लिए एक्सरसाइज है जिसको करने से घुटने में हो रहे दर्द में आराम मिल सकता है।

करने का तरीका 

  1. अपनी पीठ के बल लेट जाएं।
  2. अब अपने दोनों घुटनों को एक साथ ऊपर की तरफ लाएं और अपने हाथों को अपने घुटने के नीचे की तरफ रखें। 
  3. अब अपने घुटनों को धीरे-धीरे से अपनी छाती की तरफ लेकर आएं।
  4. इस स्थिति में 10 सेकंड तक रहें और फिर अपनी शुरुआती अवस्था में आ जाएं। 

लेग साइकिल एक्सरसाइज

लेग साइकिल एक्सरसाइज घुटनों के दर्द को कम करने के साथ-साथ घुटनों को मजबूत बनाने में भी मदद कर सकती है। 

करने का तरीका 

  1. सबसे पहले अपनी पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं।
  2. अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाएं और साइकिल चलाने की अवस्था में आ जाएं।
  3. अब धीरे-धीरे से अपने दोनों पैरों से साइकिल चलाएं। 
  4. थोड़ी देर तक इस एक्सरसाइज को करने के बाद आराम करें। ‌

सीटिड लेग रेज़िज़

घुटनों के दर्द के लिए सीटिड लेग रेज़िज़ एक्सरसाइज करना लाभदायक हो सकता है। घुटने में हो रहे दर्द को सही करने के साथ-साथ इस एक्सरसाइज से पैर की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। 

करने का तरीका 

  1. एक कुर्सी पर अपने घुटने मोड़ कर बैठ जाएं। ध्यान रहे कि पैर जमीन के ऊपर लटके हुए होने चाहिए। 
  2. स्थिरता बनाए रखने के लिए कुर्सी के दोनों किनारों को पकड़ लें। 
  3. अब अपने बाएं पैर को सीधा करते हुए आगे की तरफ बढ़ाएं और कोशिश करें कि यह फर्श के समानांतर हो जाए। 
  4. पैर को जितना सीधा किया जा सके उतना सीधा करने की कोशिश करें।
  5. थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें और फिर वापस शुरुआती स्थिति में लौट आएं।
  6. अब दूसरे पैर के साथ भी इसे दोहराएं। 

घुटनों के दर्द में आवश्यक जीवनशैली सुधार

घुटनों के दर्द को ठीक करने के लिए एक्सरसाइज के साथ - साथ स्वस्थ जीवनशैली का होना भी आवश्यक होता है। स्वस्थ जीवनशैली घुटनों के दर्द को ठीक करने में एक मुख्य भूमिका निभाती है। स्वस्थ जीवनशैली के लिए निम्नलिखित बिंदुओं का ध्यान रखना चाहिए:

  1. खान पान: घुटनों के दर्द में पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना चाहिए जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन डी,विटामिन सी आदि से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। 
  2. एक्सरसाइज करने की आदत: घुटनों में चोट लगने पर हल्की और सहज एक्सरसाइज प्रतिदिन करनी चाहिए। रोज एक्सरसाइज करने से घुटनों के लिगामेंट और मांसपेशियों में लचीलापन बना रहता है और आसानी से मोच या चोट नहीं लगती है।  
  3. वजन में संतुलन: घुटनों में दर्द होने के पीछे अधिक वजन का होना एक मुख्य कारण है। वजन पर नियंत्रण रखने से घुटनों पर दवाब कम होता है जिससे किसी प्रकार की मोच नही आती है। 
  4. धूम्रपान छोड़ें: अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार स्टडी में यह पाया गया कि धूम्रपान करने से हड्डियों के कार्टिलेज की हानि होने लगती है जिससे घुटनों में दर्द होता है। इसलिए धूम्रपान करना छोड़ें देना चाहिए।  
  5. तनाव कम करें: तनाव होने से शरीर में काॅर्टिसोन हार्मोन का स्त्राव होता है जिससे हड्डियां और मांसपेशियां टूटने लगती हैं। इसलिए अधिक तनाव लेने से बचें। 

एक्सरसाइज करने से पहले ध्यान रखने वाली बातें

घुटनों की एक्सरसाइज करने से पहले कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है जिससे एक्सरसाइज करने का लाभ अधिक से अधिक मिल सके। घुटनों की एक्सरसाइज से पहले कुछ निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है: 

  1. एक्सरसाइज करने से पहले शरीर को गर्म (वार्मअप) करें जिससे शरीर एक्सरसाइज करने के लिए तैयार हो जाए। 
  2. ऐसी एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए जिससे घुटनों पर जोर पड़ता है और घुटनों का दर्द कम होने के बजाय बढ़ता है। 
  3. एक्सरसाइज करने से पहले अपने जूतों को सही से पहन लेना चाहिए क्योंकि सही से पहने हुए जूते पूरे पैर को सपोर्ट देते हैं। 
  4. रोज एक एक्सरसाइज करने के बजाय  अलग - अलग एक्सरसाइज करनी चाहिए जिससे घुटनों की सभी लिगामेंट और मांसपेशियां मजबूत हों। 
  5. एक्सरसाइज से पहले अगर घुटनों में लगातार दर्द हो रहा हो तो नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और किसी ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।  

सारांश

इस लेख में हमने घुटनों की एक्सरसाइज और इन्हे सही तरीके से करने के बारे में जाना। घुटनों में दर्द होने पर भी इन्हे किया जा सकता है जिससे सूजन और दर्द कम होता है। घुटनों की एक्सरसाइज करने से कार्टिलेज, लिगामेंट और जोड़ों की मांसपेशियों में लचीलापन आता है जिससे इनमे फ्रैक्चर होने की संभावना कम रहती है।

हेक्साहेल्थ की मदद से आप एक्सपर्ट फिजियोथेरेपिस्ट या ऑर्थोपेडिक सर्जन से अपने घुटनों से जुड़ी समस्या की सलाह ले सकते हैं। इसके अलावा हमारे व्हाट्सएप एक्सपर्ट से भी सलाह ले सकते हैं। हेक्साहेल्थ के प्रशिक्षित हेक्साबडीज किसी भी सर्जरी में होने वाले पेपरवर्क जैसे बीमा क्लेम करने में भी निशुल्क मदद करते हैं। इसके अलावा सर्जरी के पहले से ही पेशेंट का पूरा ख्याल रखा जाता है और सर्जरी के बाद रिकवर होने तक ख्याल रखा जाता है। हमारे माध्यम से सर्जरी करवाने वाले २५०००+ पेशेंट हमारी सेवा से पूर्णतः प्रसन्न हैं।

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

घुटनों को मजबूत बनाने के लिए कुछ विशेष व्यायाम घर पर किए जा सकते हैं। ये व्यायाम इस प्रकार हैं: 

  1. लेग लिफ्ट्स
  2. स्टैंडिंग हैमस्ट्रिंग कर्ल्स
  3. स्टेप एक्सरसाइज 
  4. सिंगल लेग डिप 
  5. वॉल स्क्वैट्स 

घुटने की एक्सरसाइज करना काफी आसान हो सकता है क्योंकि इसे करने के लिए कोई विशेष यंत्र की आवश्यकता नहीं होती है। आप घर पर ही कई तरह के एक्सरसाइज कर सकते हैं। घुटने की एक्सरसाइज करते समय इस बात का ध्यान रखें कि ऐसी कोई भी गतिविधि न करें जिससे घुटनों में तकलीफ और बढ़ जाए।

व्यायाम करने से घुटनों की रक्त वाहिकाओं में फैलाव होता है जिससे रक्त संचार और ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। इसके अलावा घुटनों के मांसपेशियों,लिगामेंट और टेंडन में लचीलापन बढ़ता है जिससे दर्द की तीव्रता ( इंटेंसिटी ) कम होती है। व्यायाम करने से घुटनों का दर्द पूरी तरह ठीक नही होता है लेकिन दर्द काफी हद तक कम हो जाता है।

घुटनों में चोट लगने या आर्थराइटिस की समस्या होने पर इसका विशेष ध्यान रखना पड़ता है। इसके अलावा अधिक उम्र के लोगों को अपने घुटनों की अधिक देखभाल करनी होती है। घुटनों की देखभाल के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें : 

  1. वजन को नियंत्रित रखें
  2. घुटनों पर दबाव देने से बचें
  3. चोट लगने की संभावना कम करें 
  4. पोषक तत्वों वाले आहार लें
  5. रोजाना हल्के व्यायाम करें 

घुटने के जोड़ों में हो रहे दर्द से आराम पाने के लिए आप कई तरह के उपाय कर सकते हैं। कुछ उपाय इस प्रकार हैं: 

  1. कम वसा वाले दूध में हल्दी मिलाकर सेवन करें।
  2. घुटनों की एक्सरसाइज करें।
  3. घुटनों पर अतिरिक्त दबाव न दें।
  4. अगर दर्द लंबे समय तक रहता है तो डॉक्टर से संपर्क करें । 

जैसे - जैसे उम्र बढ़ती है शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इस वजह से घुटनों में दर्द हो सकता है। 

सर्जरी द्वारा घुटना बदलने के बाद मरीज को डॉक्टर की सलाह पर बहुत हल्की एक्सरसाइज करनी चाहिए जैसे हील स्लाइड, स्ट्रेट लेग रेज, आदि करनी चाहिए। आमतौर पर ऑर्थोपेडिक डॉक्टर २० से ३० मिनट तक एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं। 

घुटनों के दर्द के लिए सामान्य तेल जैसे सरसो, जैतून या नारियल के तेल से मालिश की जा सकती है। इसके अलावा कुछ एसेंशियल तेल जैसे नीलगिरी, दालचीनी और लैवेंडर का तेल लगाने से घुटनों का दर्द कम हो सकता है। एसेंशियल तेलों का इस्तेमाल करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि इन तेलों को शुद्ध रूप से न लगाएं। 

व्यायाम करने से घुटनों के जोड़ों की मांसपेशियां, लिगामेंट और टेंडन लचीले होते हैं जिससे घुटनों में मजबूती आती है। घुटनों को मजबूत करने वाले कुछ व्यायाम निम्नलिखित हैं:

  1. नी बेंड
  2. थाई कॉन्ट्रैक्शन 
  3. स्ट्रेट लेग रेजेज
  4. हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच विद थाई कॉन्ट्रैक्शन
  5. स्क्वैट्स
  6. सिंगल लेग स्क्वैट 
  7. लंजेज 

घुटनों के दर्द में हल्की एक्सरसाइज करना, पोषक तत्व वाले संतुलित आहार लेना, तेल से मालिश करना और सिकाई करने से दर्द में काफी कमी देखी जा सकती है। इसके अलावा दर्द से बचने के लिए दवाईयां, इंजेक्शन और अंततः सर्जरी का विकल्प रहता है। 

घुटने के दर्द में सिकाई के दो प्रकार हो सकते हैं जो निम्नलिखित हैं: 

  1. गर्म सिकाई: गर्म सिकाई के लिए किसी हीटिंग पैड से घुटनों में सेकने से दर्द कम हो सकता है। अगर हीटिंग पैड न हो तो गर्म पानी को किसी बोतल में डालकर घुटनों पर सेंक सकते हैं। 
  2. ठंडी सिकाई: ठंडी सिकाई करने के लिए बर्फ के टुकड़ों को किसी कॉटन के कपड़े में लपेटकर सेंक सकते हैं।

घुटनों के दर्द के घरेलू उपचार कुछ इस प्रकार हो सकते हैं: 

  1. साइक्लिंग
  2. टहलना
  3. स्विमिंग 
  4. योगासन 
  5. पोषक तत्वों से भरपूर आहार 
  6. सिकाई
  7. हल्दी और कम वसा वाले दूध का सेवन 

घुटनों का दर्द कई कारणों से हो सकता है जिसमे से पोषक तत्वों की कमी भी एक कारण है। कुछ पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, विटामिन डी, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर, क्रोमियम, सेलेनियम, फोलेट, सोडियम, विटामिन ए, विटामिन बी १, बी २, बी ३, बी ६, बी १२, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन के और जिंक के कारण घुटनों में दर्द हो सकता है। 

विटामिन बी १२ से लाल रक्त कणिकाओं को बनने में मदद मिलती है। इसकी कमी होने से शरीर में थकान, झुनझुनी, जीभ में सूजन, कमजोरी, सोचने - समझने में कठिनाई और जोड़ों में तेज दर्द हो सकता है। 

महिलाओं और पुरुषों में घुटनों का दर्द लगभग समान कारणों से हो सकता है। हालांकि महिलाओं में कुछ अन्य कारणों से घुटने में दर्द हो सकता है जो इस प्रकार हैं: 

  1. महिलाओं के शरीर का ढांचा घुटनों में चोट लगने की संभावना बढ़ाता है।
  2. रजोनिवृत्ति (मेनोपौज) के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन का स्त्राव काफी कम हो जाता है जिससे घुटनों में सूजन और दर्द हो सकता है।

Last Updated on: 26 September 2023

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Sangeeta Sharma

Sangeeta Sharma

BSc. Biochemistry I MSc. Biochemistry (Oxford College Bangalore)

6 Years Experience

She has extensive experience in content and regulatory writing with reputed organisations like Sun Pharmaceuticals and Innodata. Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical conten...View More

विशेषज्ञ डॉक्टर (2)

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