घुटने की चोट सामान्य और गंभीर हो सकता है। आमतौर पर खिलाड़ियों और एथलीट में घुटने की चोट अक्सर देखा जाता है। प्रायः ८०% घुटने की चोट स्पोर्ट्स में सक्रिय होने के कारण होता है। दुर्घटना के कारण होने वाले चोट अक्सर गंभीर हो सकते हैं जिसमें सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।
घुटने की चोट का उपचार सही समय पर न होने पर ओस्टियोआर्थराइटिस और अन्य जोखिम भी देखने को मिल सकते हैं। इसलिए घुटने की चोट का उपचार सही समय पर होना आवश्यक होता है।
आइए जानते हैं इस लेख में कि घुटने की चोट का उपचार न होने पर क्या जोखिम हो सकते हैं और इसके उपचार के क्या विकल्प हैं तथा उपचार की प्रक्रिया क्या रहती है।
घुटनों की चोट का दर्द हर आयु वर्ग के लोगों में देखा जाता है। घुटनों में चोट कई कारणों से हो सकता है। आमतौर पर दुर्घटनाओं के कारण लगने वाले चोट में स्थिति गंभीर हो सकती है। दुर्घटनाओं के कारण घुटनों के लिगामेंट या टेंडन फट सकते हैं जिससे तेज दर्द होता है। घुटने में होने वाला दर्द कई अन्य कारणों से भी हो सकता है जैसे:
घुटनों में दर्द होने के साथ कठोरता महसूस होना, घुटनों में जलन और लालिमा आना, घुटनों से आवाज आना, घुटनों को पूरा सीधा करने या मोड़ने में परेशानी होना, आदि लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
घुटने में चोट लगने पर आमतौर पर यह खुद से ठीक हो जाता है या फिर इलाज से ठीक हो जाता है। अगर घुटने की उपचार में लापरवाही या देरी होती है तो कुछ जोखिम हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं:
घुटनों की चोट आने पर ऑर्थोपेडिक डॉक्टर शारीरिक परीक्षण करता है। इसके अलावा ऑर्थोपेडिक डॉक्टर निम्नलिखित निदान तकनीक की मदद से घुटने की चोट का निदान किया जाता है।
निदान में चोट का कारण पता लगने के बाद डॉक्टर उचित उपचार चलाते हैं।
घुटने की चोट आने पर कम या तेज दर्द हो सकता है। घुटने की चोट को कुछ घरेलू उपायों की मदद से भी ठीक किया जा सकता है। हालांकि गंभीर चोट होने पर नॉन सर्जिकल या सर्जिकल तरीकों से इसका उपचार किया जाता है जो निम्नलिखित हैं।
घुटने की चोट का उपाय के रूप में जीवनशैली में बदलाव करके और कुछ अन्य उपायों से घुटनों में लगी चोट और दर्द से आराम मिल सकता है। कुछ प्रभावी घरेलू उपचार इस प्रकार हैं:
अन्य उपचार
सामान्य से अधिक गंभीर घुटने की चोट को आमतौर पर नॉन सर्जिकल उपचार की मदद से ठीक किया जा सकता है। घुटने की चोट का इलाज कुछ निम्न तरीकों से किया जाता है:
घुटने की चोट जब गंभीर हो जाता है और दवाइयों तथा इंजेक्शन से भी इसका उपचार नही हो पाता है तो अंततः आर्थोपेडिक डॉक्टर सर्जरी करने की सलाह देते हैं। कुछ मुख्य सर्जिकल उपचार इस प्रकार हैं:
आर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी: आर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी की मदद से घुटनों में ढीले या टूटे हुए लिगामेंट या मांसपेशी की मरम्मत की जाती है। इस सर्जरी में लोकल एनेस्थीसिया का प्रयोग किया जाता है।
प्रक्रिया:
पार्शियल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी: अगर चोट के कारण घुटने के किसी हिस्से में गंभीर क्षति होता है तो उस हिस्से को आर्टिफिशियल हिस्से से बदल दिया जाता है। इस सर्जरी में ३ तरह की एनेस्थीसिया के विकल्प होते हैं I पहला जनरल एनेस्थीसिया, दूसरा स्पाइनल एनेस्थीसिया और तीसरा पेरीफेरल नर्व ब्लॉक होता है। इनमे से कोई एक एनेस्थीसिया मरीज के स्थिति के अनुसार दिया जाता है।
प्रक्रिया:
टोटल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी: यदि गंभीर चोट लगने के कारण घुटना पूर्ण रूप से क्षति हो जाता है तो पूरे घुटने को निकालकर कृत्रिम घुटने से बदल दिया जाता है। इस सर्जरी को नी आर्थ्रोप्लास्टी भी कहा जाता है। इस सर्जरी में आमतौर पर जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है।
प्रक्रिया:
ओस्टियोटॉमी: इस सर्जरी में हड्डियों के ढांचे को सहज बनाने के लिए जोड़ों के कुछ हिस्सों को काटा - छांटा जाता है। ओस्टियोटॉमी में जनरल या स्पाइनल एनेस्थीसिया की मदद ली जाती है।
प्रक्रिया
इस लेख में हमने समझा कि घुटने की चोट का उपचार न होने पर भविष्य में कई जोखिम हो सकते हैं जैसे ओस्टियोआर्थराइटिस, विकलांगता, टेंडोनाइटिस आदि। घुटने की चोट आमतौर पर घरेलू उपायों और नॉन सर्जिकल उपचार से ठीक हो जाता है। यदि घुटने की चोट घरेलू और नॉन सर्जिकल उपचारों से ठीक नही होता है तो सर्जरी एक सफल विकल्प हो सकता है।
हेक्साहेल्थ की मदद से आप अनुभवी सर्जन से घुटने की सर्जरी से जुड़ी राय ले सकते हैं। अगर आप हेक्साहेल्थ के माध्यम से सर्जरी करवाते हैं तो हमारे प्रशिक्षित हेक्साबडीज अस्पताल में भर्ती होने से लेकर सर्जरी होने के बाद तक आपका पूरा ख्याल रखते हैं। इसके अलावा बीमा क्लेम करने में भी निशुल्क मदद करते हैं। हेक्साहेल्थ के व्हाट्सएप एक्सपर्ट से चाहे जब बात कर सकते हैं।घुटनों के दर्द के लिए सबसे पहले ऑर्थोपेडिक डॉक्टर कुछ ओवर द काउंटर मिलने वाली दवाईयां लेने की सलाह दे सकते हैं । अगर इन दवाओं से आराम नही होता है तो एसेटामिनोफेन भी लेने की सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा कुछ क्रीम और मलहम से मालिश करने की सलाह भी दे सकते हैं।
गिरने के बाद घुटने में आई चोट सामान्य या गंभीर हो सकती है। अगर सामान्य चोट है तो उसे ठीक होने में कुछ दिन से लेकर कुछ हफ्ते तक लग सकते हैं। अगर चोट गंभीर है तो यह कई हफ्तों या महीनों तक रहता है।
घुटने में अगर कोई छोटी मोटी चोट या खरोंच है तो उसे ठीक होने में कुछ सप्ताह का समय लग सकता है। अगर चोट गंभीर है जैसे कि फ्रैक्चर, टेंडन या लिगामेंट क्षतिग्रस्त हुआ है तो घुटने की चोट को सही होने में ५ - ६ महीनों या उससे भी अधिक का समय लग सकता है।
घुटने के दर्द में ऐसी चीजें नहीं खानी चाहिए जिनसे जोड़ों में सूजन बढ़ जाए और दर्द हो। ट्रांस फैट, शुगर और अधिक नमक वाले खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए। फ्राइड फूड, कोल्ड्रिंक, मिठाइयां, नमकीन और फास्ट फूड नही खाना चाहिए।
घुटने में कट - कट की आवाज कई कारणों से आती है जिसमे से कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
घुटनों के दर्द से राहत पाने के लिए सबसे पहले ओवर द काउंटर मिलने वाली दवाईयां ली जा सकती हैं। इसके अलावा कुछ घरेलू उपाय जैसे सिकाई, मालिश और हल्के व्यायाम करने से घुटनों के दर्द से आराम मिल सकता है।
एक्सरसाइज करने से घुटने के दर्द में आराम देखने को मिला है। घुटने के दर्द के लिए कुछ फायदेमंद एक्सरसाइज इस प्रकार हैं:
घुटनों में चोट लगने से घुटनों के ऊपर यानी जांघ और घुटनों के नीचे की जगहों पर दर्द हो सकता है। हालांकि समय के साथ घुटनों के ऊपर - नीचे के दर्द ठीक हो जाते हैं।
घुटनों को मजबूत रखने के लिए विटामिन डी, विटामिन बी १२, ओमेगा थ्री फैटी एसिड्स और कैल्शियम से भरपूर भोजन का सेवन करना चाहिए। कुछ खाद्य पदार्थ जैसे अंडे, मछली, दूध, हल्दी इत्यादि में पाए जाने वाले पोषक तत्व घुटनों में आई सूजन और दर्द को कम करते हैं।
घुटनों का दर्द कई कारणों से हो सकता है जैसे चोट, आर्थराइटिस, इत्यादि। ऐसे में जिन फलों में कैल्शियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट अच्छी मात्रा में हों उनका सेवन करने से लाभ मिलता है। इस अनुसार घुटनों के दर्द में सबसे लाभदायक फल इस प्रकार हैं:
घुटने में दर्द होने पर पोषक तत्वों वाले भोजन का सेवन करना चाहिए। ऐसे में मछली, अंडे, हरी सब्जियां, ताजे फल खाने चाहिए।
घुटने की सूजन को कम करने के लिए एंटीइंफ्लेमेटरी और ओमेगा थ्री फैटी एसिड वाली चीजें खानी चाहिए जैसे सालमन मछली, हरी सब्जियां, खट्टे फल, आदि। इसके अलावा गर्म सिकाई और व्यायाम करने से भी घुटने की सूजन कम हो सकता है।
लिगामेंट को ठीक होने में कितना समय लगेगा यह लिगामेंट में आई चोट की गंभीरता पर निर्भर करता है। आमतौर पर लिगामेंट के चोट को ठीक होने में ३ से ४ महीने, कभी - कभी १२ महीने लग सकते हैं। अगर लिगामेंट में आई चोट अधिक गंभीर है तो यह और लंबा समय ले सकती है।
घुटनों में दर्द होने पर योगासन करने से कुछ आराम पाया जा सकता है। हालांकि यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता कि योगासन से घुटने का दर्द ठीक हो जाएगा। कुछ फायदेमंद योगासन कुछ इस प्रकार हैं:
घुटनों में आमतौर पर दर्द चोट के कारण होता है लेकिन कई कारणों से घुटनों में बिना चोट के भी दर्द हो सकता है। घुटनों में दर्द होने के कुछ अन्य कारण इस प्रकार हैं:
Last Updated on: 30 September 2023
MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES
12 Years Experience
Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More
MSc. Clinical Research I PG Diploma in Public Health Services Management
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His work in medical content writing and proofreading is noteworthy. He has also contributed immensely to public health research and has authored four scientific manuscripts in international journals. He was assoc...View More