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बुजुर्गों में मोतियाबिंद सर्जरी की जटिलताएं: जानिये कारण और परिणाम

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Medically Reviewed by Dr. Aman Priya Khanna
Written by Charu Shrivastava, last updated on 14 September 2022| min read
बुजुर्गों में मोतियाबिंद सर्जरी की जटिलताएं: जानिये कारण और परिणाम

Quick Summary

  • मोतियाबिंद की सर्जरी में अक्सर सभी पेशेंट की दृष्टि बिना किसी परेशानी के  फिर से लौट आती है। लेकिन अगर हम वयस्क और वृद्धों की तुलना करें तो वृद्धों में सर्जरी के बाद कुछ जटिलताएं (कॉम्लिकेशन) आ सकती हैं। 
  • आइए जानते हैं इस लेख में वृद्धों को मोतियाबिंद सर्जरी में क्या दिक्कतें आ सकती हैं और जटिलताएं आने की क्या कारण हैं
  • वृद्धों में मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद जटिलताएं आने की संभावना अधिक होती है।
  • जटिलताएं आने की संभावना बढ़ने के कारणों में वृद्धों की कमजोर इम्यूनिटी, अन्य बीमारियों का होना, मोतियाबिंद की जटिलताएं, सर्जरी के दौरान होने वाली गलतियाँ आदि शामिल हैं।

    मोतियाबिंद की सर्जरी में अक्सर सभी पेशेंट की दृष्टि बिना किसी परेशानी के  फिर से लौट आती है। लेकिन अगर हम वयस्क और वृद्धों की तुलना करें तो वृद्धों में सर्जरी के बाद कुछ जटिलताएं (कॉम्लिकेशन) आ सकती हैं। 

    आइए जानते हैं इस लेख में वृद्धों को मोतियाबिंद सर्जरी में क्या दिक्कतें आ सकती हैं और जटिलताएं आने की क्या कारण हैं

     

    वृद्धों में मोतियाबिंद सर्जरी के परिणाम  

    जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है, आपके आंखों का मोतियाबिंद बढ़ता जाता है। ऐसे में आपको सर्जरी की विशेष जरूरत होती है। सामान्यतः सर्जरी सफल होती है और आपको आंखें से सब कुछ देखने लगता हैं। लेकिन अगर आप 85 से अधिक उम्र होने पर सर्जरी करवा रहे हैं, तो आपको कुछ दिक्कतें हो सकती हैं। 

    हालांकि वृद्धावस्था में सर्जरी करवाने पर जरूरी नहीं है कि आपको दिक्कत अनिवार्य रूप से होगी। वृद्धावस्था में मोतियाबिंद की सर्जरी के फायदों और नुकसान को लेकर विशेषज्ञ अधिक स्पष्ट नही हैं। 

    वृद्धों में मोतियाबिंद सर्जरी के परिणाम को लेकर कुछ स्टडीज/रिसर्च इस प्रकार हैं : 

    1. एक स्टडी में पाया गया कि जो लोग 90 या इससे अधिक उम्र होने पर सर्जरी करवाते हैं, उनमें से सिर्फ 47% ही सर्जरी का फायदा उठा पाते हैं। यानी बाकी 53% लोग दृष्टि से जुड़ी दिक्कतों का सामना करते हैं।
    2. वहीं एक दूसरी स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों की उम्र 85 से अधिक है उनमें से 87% लोगों को मोतियाबिंद सर्जरी के फायदे देखने को मिलते हैं। इसके साथ ही, उनमें से 85% लोगों की दृष्टि में सुधार भी पाया गया। 
    3. एक और स्टडी में देखा गया कि जिनकी उम्र 60 से 69 साल है, उनकी दृष्टि क्षमता 6/12 या इससे अधिक होने की संभावना 80 साल और इससे अधिक उम्र वालों की तुलना में 4.6 गुना अधिक है। 

    आमतौर पर ऐसे वृद्धों को मोतियाबिंद सर्जरी की सलाह नही दी जाती है : 

    1. जिनकी आंखों का न्यूक्लियस एकदम ठोस हो चुका है।
    2. जिनकी आंखों की पुतलियां बहुत छोटी हैं। 
    3. जिन्हे एक्सफोलिएशन सिंड्रोम के अधिक चांसेस हों। 
    4. जो सर्जरी के दौरान सही से कॉपरेट नही कर पाते। 
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    वृद्धों में मोतियाबिंद सर्जरी में आने वाली जटिलताओं के कारण क्या हैं? 

    एक स्टडी के अनुसार सर्जरी के बाद वृद्धों को आंखों से न दिखाई देने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे : 

    1. सर्जरी के बाद, मैक्युला जो रेटीना का हिस्सा होता है, वो गंभीर रुप से डैमेज होने लगता है। 
    2. बुढ़ापे के कारण अफाकिक चश्मे ठीक से काम नहीं करते और सर्जरी की सफलता को कम कर देते हैं। 
    3. सर्जरी के दौरान और सर्जरी के बाद कुछ दिक्कतें आना भी वृद्धों में दृष्टि समस्या के मुख्य कारण हैं। 

     

    एक दूसरे रिसर्च के अनुसार, मोतियाबिंद सर्जरी के बाद वृद्धों में आनी वाली जटिलताओं के मुख्य कारण ये हो सकते हैं : 

    1. आपकी उम्र अधिक हो चुकी हो या पहले से ही आंख की कोई बीमारी हो। 
    2. अगर आपको डायबिटीज और स्ट्रोक की समस्या है तो सर्जरी के बाद कॉम्प्लिकेशंस आ सकते हैं। 
    3. सर्जरी की कौन सी प्रक्रिया आपके मोतियाबिंद को निकालने के लिए प्रयोग किया जा रहा है, यह भी निर्धारित करता है। 
    4. आपके सर्जन मोतियाबिंद की सर्जरी में कितने एक्सपर्ट हैं, यह भी तय करता है कि आपको कॉम्प्लिकेशंस हो सकते हैं या नही। 

     

    वृद्धों में मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आने वाली जटिलताएं क्या हैं 

    एक स्टडी के अनुसार, 70 साल और इससे अधिक उम्र के लोगों में मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद सिर्फ दृष्टि में बदलाव नहीं आता, बल्कि उनके द्वारा किए जा रहे कार्य और मानसिक स्थिति में भी बदलाव होता है। 

    वृद्धों को मोतियाबिंद सर्जरी में मुख्य रूप से ये जटिलताएं आ सकती हैं : 

    1. सर्जरी के दौरान कैप्सूल का पिछला हिस्सा टूट सकता है। 
    2. सर्जरी के बाद इन्फेक्शन हो सकता है।
    3. इंट्राऑक्युलर लेंस पर प्रेशर बढ़ सकता है।
    4. इंट्राऑक्युलर लेंस अपने जगह से खिसक सकता है
    5. पहले से डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ग्लूकोमा, निकट दृष्टि दोष की प्रॉब्लम सुप्राकोरॉइडल हैमरेज को जन्म दे सकती है
    6. सिस्टॉयड मैकुलर एडिमा यानी रेटीना का भाग मैक्युला मोटा हो सकता है
    7. आपके कॉर्निया में अधिक पानी भर सकता है , जिसके कारण कॉर्निया में सूजन आ सकता है।
    8. 90 से अधिक उम्र वालों में पोस्टऑपरेटिव इंडोफ्थल्माइटिस होने की 3.6 गुना ज्यादा संभावना रहती है। 

    अंततः मोतियाबिंद की सर्जरी से हर उम्र के लोगों में पहले के मुकाबले दृष्टि सुधार हो जाता है।

     

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    रोग से निरोग होने तक हेक्साहेल्थ लगातार आपकी मदद करता रहता है। अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट पर जाएं – https://www.hexahealth.com/ 

     

    Last Updated on: 14 September 2022

    Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

    समीक्षक

    Dr. Aman Priya Khanna

    Dr. Aman Priya Khanna

    MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

    12 Years Experience

    Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

    लेखक

    Charu Shrivastava

    Charu Shrivastava

    BSc. Biotechnology I MDU and MSc in Medical Biochemistry (HIMSR, Jamia Hamdard)

    2 Years Experience

    Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical content. Her proofreading and content writing for medical websites is impressive. She creates informative and engaging content that educ...View More

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