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ईसीएचएस के लिए बिल प्रोसेसिंग एजेंसी

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Medically Reviewed by Dr. Aman Priya Khanna
Written by Sangeeta Sharma, last updated on 17 February 2023| min read
ईसीएचएस के लिए बिल प्रोसेसिंग एजेंसी

Quick Summary

  • The main objective of the Ex-Servicemen Contributory Health Scheme (ECHS) is to provide health facilities to retired army personnel, which includes allopathic and ayush medicare.
  • This facility can be availed by veteran pensioners at the ECHS Polyclinics, Army Hospitals, Government and ECHS panelled hospitals.
  • Under ECHS, health services are also provided to the dependent family members of the ex-servicemen. The family members of the pensioner availing this scheme include wife/husband, children and dependent parents.

भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) का मुख्य उद्देश्य सेवा निवृत्त सेना के जवान को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है, जिसमें एलोपैथिक और आयुष मेडिकेयर शामिल हैं। यह सुविधा वयोवृद्ध पेंशनभोगी ईसीएचएस के विस्तृत पॉलीकलिनिकों में, सेना के अस्पताल में, सरकारी व ईसीएचएस के पैनल के किसी भी अस्पताल में प्राप्त कर सकते हैं।  

ईसीएचएस के तहत एक्स सर्विस्मैन के आश्रित परिवार के सदस्यों को भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती है। इस योजना का लाभ उठाने वाले पेंशनभोगी के परिवार के सदस्यों में पत्नी / पति, बच्चे और आश्रित माता-पिता शामिल हैं। इस लेख में पता करते हैं की ईसीएचएस के लिए बिल प्रसंस्करण एजेंसी कौन है। 

ईसीएचएस के लिए कौन योग्य है?

ईसीएचएस का मुख्य उद्देश्य सशस्त्र बल के पूर्व सैनिकों (एएफवी) को व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कराना है। यह उन निम्नलिखित लोगों की सूची है जो ईसीएचएस के लिए योग्य हैं:

  1. पेंशन/अक्षम पेंशन प्राप्त करने वाले पूर्व सैनिक
  2. पारिवारिक पेंशन पाने वाली विधवाएं
  3. पेंशनभोगी की पत्नी/पति
  4. पुत्र : बेरोजगार और २५ वर्ष से कम आयु 
  5. बेटियां - बेरोजगार या अविवाहित
  6. जिन माता-पिता का मासिक वेतन ३५०० रुपये से कम हो 
  7. बच्चे - आजीवन मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग बच्चे
  8. जन्म प्रमाण पत्र के अनुसार  तीन महीने या उससे छोटी उम्र के नवजात शिशु। 
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लाभार्थी ईसीएचएस का लाभ कहां कहां से उठा सकते हैं?

ईसीएचएस योजना के तहत, पूर्व सैनिकों और उनके आश्रित परिवार के सदस्यों सहित सभी लाभार्थी ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक्स, सूचीबद्ध अस्पतालों, नैदानिक (डायग्नोस्टिक) केंद्रों आदि में से कई स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। देशभर में लाभार्थियों को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए लगभग ४२६ पॉलीक्लिनिक्स स्थापित किए गए हैं। यदि आप ईसीएचएस लाभार्थी हैं, तो आप चिकित्सा सुविधाओं का निम्नलिखित लाभ उठा सकते हैं:

  1. सूचीबद्ध पॉलीक्लीनिक में मूलभूत आउटडोर सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
  2. यदि उपचार के लिए अतिरिक्‍त प्रबंधन की आवश्‍यकता है तो संबंधित लाभार्थी को ईसीएचएस पॉलीक्‍लिनिक्‍स से सशस्‍त्र बल चिकित्‍सा सेवा अस्‍पतालों, पैनलबद्ध निजी अस्‍पतालों और दंत चिकित्‍सा या नैदानिक केंद्रों में भेजा जाएगा।
  3. (रेफरल केवल पॉलीक्लिनिक्स के अधिकृत कर्मचारियों द्वारा किया जा सकता है)

पैनलबद्ध अस्पतालों में उपचार का लाभ उठाने के लिए एक वैध समझौता ज्ञापन (एमओए) की आवश्यकता है। पैनलबद्ध अस्‍पताल/डेंटल/नैदानिक(डायग्‍नोस्टिक) केंद्रों पर उपचार के समय किए गए व्‍यय का भुगतान योजना में अधिकारियों द्वारा स्‍वीकृत दरों के अनुसार ईसीएचएस द्वारा सीधे तौर पर किया जाएगा।

लाभार्थी उपचार के दौरान वार्ड (निजी, अर्ध-निजी या सामान्य) के हकदार हैं। दिए गए वार्ड के प्रकार सेवानिवृत्ति के समय लाभार्थी की रैंक पर निर्भर करता है।

यहां निम्नलिखित प्रकार के वार्ड के बारे में जानकारी दी गई है।

  1. निजी वार्ड - एक निजी वार्ड में एक अटैच शौचालय (ल्वेटरी और स्नान संयुक्त) जिसमें एक वार्डरोब, बेडसाइड टेबल और परिचारकों (अटेंडेंट) के लिए एक आराम बिस्तर शामिल है। इस कमरे में एक मरीज के साथ एक अटेंडेंट रहता है। सेना के अधिकारी या नौसेना या वायु सेना के अधिकारी इस कमरे के हकदार हैं।
  2. अर्ध-निजी वार्ड - यह एक अस्पताल कक्ष है जिसमें २-३ रोगियों को रखा जाता  है। एक अर्ध-निजी कमरे में एक संलग्न शौचालय है और इसमें आवश्यक चीज़ें शामिल है। सेना में जूनियर कमीशन अधिकारी, नौसेना और वायु सेना बराबर हकदार हैं।
  3. सामान्य वार्ड - यह एक हॉल है जो ४-१० मरीजों को रखने की क्षमता रखता  है। सेना के नीचे एनसीओएस (गैर कमीशन अधिकारी), नौसेना और वायु सेना बराबर इस श्रेणी के हकदार हैं।

नोट: लाभार्थी उच्च श्रेणी के वार्ड का लाभ प्राप्त नहीं कर सकते हैं। हालांकि, यदि चिकित्सा आपात स्थिति के दौरान हकदार वार्ड उपलब्ध नहीं है, तो पात्र वार्ड उपलब्ध होने तक लाभार्थी को उच्च श्रेणी का वार्ड प्रदान किया जाएगा। यदि अस्पताल के पास हकदार वार्ड में कोई उपलब्धता नहीं है, तो लाभार्थी को उच्च श्रेणी के वार्ड की नहीं, बल्कि हकदार वार्ड की दरों के अनुसार चार्ज किया जाएगा।

ईसीएचएस पैकेज दरों में क्या-क्या शामिल है?

ईसीएचएस में शामिल पैकेज दर में रोगी उपचार/डेकेयर/नैदानिक(डायग्नोस्टिक) प्रक्रिया की एकमुश्त लागत शामिल है। जिसे ईसीएचएस लाभार्थी सक्षम प्राधिकारी की अनुमति से प्राप्त कर सकते हैं। पैकेज दरों में मेडिकल इमरजेंसी के दौरान इलाज की लागत भी शामिल होती है, ईसीएचएस पैकेज दर में निम्नलिखित शामिल हैं (लेकिन सीमित नहीं):

  1. पंजीकरण शुल्क
  2. प्रवेश शुल्क
  3. आवास प्रभार जिसमें रोगी का आहार भी शामिल है
  4. इंजेक्शन शुल्क
  5. ऑपरेशन शुल्क
  6. ड्रेसिंग शुल्क
  7. डॉक्टर/परामर्श के लिए विजिट शुल्क
  8. आईसीयू/आईसीयू शुल्क
  9. निगरानी शुल्क
  10. आधान शुल्क
  11. एनेस्थेसिया शुल्क
  12. ऑपरेशन थिएटर शुल्क
  13. प्रक्रिया शुल्क/सर्जन शुल्क
  14. सर्जरी के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले डिस्पोजेबल की लागत और अस्पताल में रहने के दौरान  इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य सामान की लागत
  15. चिकित्सा लागत
  16. उपचार से संबंधित रूटीन और आवश्यक जांच
  17. फिजियोथेरेपी सेशन 
  18. नर्सिंग देखभाल शुल्क
  19. इंप्लांटेशन / स्टेंट / ग्राफ्ट की लागत
  20. नवजात शिशु के लिए उपचार शुल्क

ईसीएचएस के लिए बिल प्रसंस्करण एजेंसी

ईसीएचएस के लिए बिल प्रसंस्करण या ईसीएचएस बिल प्रोसेसिंग एजेंसी से चिकित्सा प्रतिपूर्ति का दावा करने के लिए नीचे दिए गए निम्नलिखित  सामान्य निर्देश हैं:

  1. सभी दावा दस्तावेजों की हार्ड कॉपी के रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए, और प्रत्येक पृष्ठ को एक एक कर के क्रमांकित किया जाना चाहिए (और दस्तावेजों को कालानुक्रमिक क्रम में व्यवस्थित किया जाना चाहिए)।
  2. १००० रुपये प्रति यूनिट से अधिक मूल्य की वस्तुओं के मामले में, लाभार्थी को दवाओं/औषधि /उपभोग्य सामग्रियों के लिए एमआरपी/दवा प्रमाण पत्र प्रदान करने की आवश्यकता है।
  3. रोगी के अस्पताल से छूटने के बाद, अस्पताल द्वारा जारी की गई दवाओं का भुगतान केवल सात दिनों तक के लिए किया जाता है। सात दिनों के बाद, दवाएं ईसीएचएस डिस्पेंसरी से जारी की जानी चाहिए।
  4. लाभार्थी को डिस्चार्ज का विस्तृत सारांश प्रदान करना चाहिए। विवरण में इलाज का तरीका शामिल हो सकता है, अनुक्रमिक सर्जिकल हस्तक्षेप की घटनाएं, डिस्चार्ज पर सलाह, शिकायतें पेश करना आदि शामिल हो सकते हैं। डिस्चार्ज सारांश में इलाज करने वाले या रेजिडेंट डॉक्टर के हस्ताक्षर और मुहर होनी चाहिए।
  5. प्रयोगशाला और रेडियोलॉजिकल रिपोर्ट के मामले में, लाभार्थी को दस्तावेज़ जमा करते समय निम्नलिखित बातों पर विचार करना चाहिए:
    1. सभी रिपोर्ट संबंधित विशेषज्ञ द्वारा हस्ताक्षरित अस्पताल/डीसी लेटरहेड पर संबंधित विशेषज्ञ का हस्ताक्षर होनी चाहिए।
    2. कंप्यूटर द्वारा संचालित रिपोर्ट के मामले में, उन्हें डिजिटल हस्ताक्षर और संबंधित विशेषज्ञ के नाम से साक्ष्यांकित किया जाना चाहिए।
    3. अस्पताल की सभी रिपोर्ट में अस्पताल कोड/सीजीएचएस कोड होना चाहिए।
  6. रेफरल पत्र के मामले में, लाभार्थी को दस्तावेज जमा करते समय निम्नलिखित बातों पर विचार करना चाहिए:
    1. सभी मुद्रित रेफरल पत्रों को प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (एमओआई/सी) और अधिकारी प्रभारी (ओआई/सी) के मुहर और हस्ताक्षर के साथ साक्ष्यांकित किया जाना चाहिए।
    2. यदि रेफरल कम्प्यूटरीकृत हैं, तो उनमें एमओ आई/सी और ओ आई/सी का नाम और पदनाम होना चाहिए।
  7. अंतिम बिल में बिल नंबर के साथ-साथ अधिकृत व्यक्ति की मुहर और हस्ताक्षर होना चाहिए। बिल में आवास, परामर्श, जांच, दवाओं और उपभोग्य सामग्रियों और अन्य प्रक्रियाओं के लिए दावा की गई राशि के बारे में सभी विवरण शामिल होने चाहिए। रोगी या रिश्तेदार को इस पर हस्ताक्षर करना चाहिए।
  8. यदि लाभार्थी असूचीबद्ध इम्प्लांट्स, प्रक्रियाओं, जांचों और विस्तारित प्रवास के लिए प्रतिपूर्ति का दावा करता है, तो उसे पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना होगा।
  9. एआईसीडी/बाय वेंट पेसमेकर/आईसीडी/कॉम्बोडिवाइस सीआरटी-डी आदि जैसे कार्डियक इम्प्लांट्स के अनुमोदन के लिए सर्विस कार्डियोलॉजिस्ट और ईसीएचएस सक्षम अधिकारियों के पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता होती है। इसके लिए राशि का भुगतान सीजीएचएस / ईसीएचएस दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाता है।
  10. चालान में निर्माण और समाप्ति की तारीख के साथ नामकरण, बैच नंबर/लॉट नंबर और इम्प्लांट की सीरियल नंबर शामिल होना चाहिए। रोगी के नाम का भी उल्लेख किया जाना चाहिए जो बाहरी थैली और स्टिकर से भी मेल खाता हो। लाभार्थी को प्रत्येक चालान में रोगी का नाम और चालान संख्या का उल्लेख करना चाहिए। यदि अस्पताल ने एक समूह चालान जारी किया है, तो लाभार्थी को अस्पताल द्वारा प्रदान किए गए प्रत्येक इमप्लान्ट के लिए एक अलग चालान उपलब्ध करना होगा। सभी इमप्लान्ट को थैली और स्टिकर द्वारा समर्थन होना चाहिए।
  11. सभी संयुक्त प्रतिस्थापन सर्जरी और अन्य आर्थोपेडिक सर्जरी को पूर्व और पोस्ट-ऑपरेशन रेडियोलॉजिकल रिपोर्ट और संबंधित तस्वीर के साथ समर्थित करने की आवश्यकता होगी।
  12. पैकेज दरों को सीजीएचएस दिशानिर्देशों के अनुसार नंबर: ओएम. एस. ११०११/२३/२००९ - सीजीएचएस डी. ११/अस्पताल कक्ष (भाग ४) भारत सरकार के अनुसार माना जाता है। चिकित्सा प्रबंधन जिसे ०-१२ दिनों के भीतर की अवधि को पैकेज अवधि का एक हिस्सा माना जाता है। दवाओं पर कोई अतिरिक्त बिलिंग की अनुमति नहीं है।
  13. ब्लड बैंक के खर्च के मामले में, उन्हें वाउचर/कम्पैटिबिलिटी फॉर्म और ट्रांसफ्यूजन नोट्स के सपोर्ट करने की जरूरत है।
  14. लाभार्थी को उपचार और दावा दस्तावेजों के लिए एक फीडबैक प्रोफार्मा भी जमा करना होता है । प्रोफार्मा पर लाभार्थी या किसी रिश्तेदार के हस्ताक्षर होने चाहिए।
  15. आवश्यकता पड़ने पर अस्पतालों को आई सी पी (इनडोर केस पेपर्स) प्रदान करने की आवश्यकता होती है।
  16. एम्बुलेंस शुल्क की अनुमति नहीं है।
  17. सभी आपातकालीन प्रवेशों के लिए प्रवेश केस नोट/क्लीनिकल असेसमेंट नोट जमा करना आवश्यक है। क्लीनिकल ​​विवरण, प्रस्तावित जांच संक्षेप में नोट्स में उल्लेख होना चाहिए, और प्रवेश के समय प्रस्तावित उपचार अवधि और दावा प्रस्तुत करने के समय एक हार्ड कॉपी भी शामिल होनी चाहिए।

बिल प्रसंस्करण एजेंसी ईसीएचएस मे मरीज के बिल को जमा करने की विधि

आउट पेशेंट बिल सबमिशन 

मरीज के बिल को प्रतिपूर्ति दावा करने के लिए इन निम्मनलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए। 

  1. मरीज के परामर्श  बिल पर इलाज करने वाले डॉक्टर के हस्ताक्षर होने चाहिए। 
  2. आपको मरीज के  परामर्श बिल के साथ प्रस्तुत करना होगा:
    1. ईसीएचएस कार्ड की कॉपी 
    2. रेफरल कार्ड
    3. अस्पताल के लेटरहेड पर ओपीडी परामर्श पर्ची

इन पेशेंट बिल सबमिशन - बिल प्रोसेसिंग एजेंसी ईसीएचएस

  1. यदि रोगी को आगे प्रबंधन की आवश्यकता होती है, तो उसे ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक्स से सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाता है।
  2. रोगी के स्थानांतरण और चिकित्सा बिलों की प्रतिपूर्ति का दावा करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:
    सभी दावा दस्तावेज यूटीआईआईटीएसएल वेबसाइट पर पीडीएफ फॉर्मेट में अपलोड किए जाएंगे और संबंधित क्षेत्रीय केंद्रों पर हार्ड कॉपी जमा की जाएंगी।

निष्कर्ष

ईसीएचएस का उद्देश्य पेंशन प्राप्त करने वाले पूर्व सैनिकों और उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य संबंधी लाभ प्रदान कराना है। लाभार्थी ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक्स, सरकारी अस्पतालों और सूचीबद्ध चिकित्सा अस्पतालों सहित कई स्वास्थ्य सुविधाओं में ईसीएचएस का लाभ उठा सकते हैं। किसी प्रकार की बीमारी या दवा के उपचार पर कोई प्रतिबंध नहीं है और लाभार्थी खर्च की प्रतिपूर्ति का दावा कर सकते हैं। आप इस लेख में दिए गए निर्देशों का उल्लेख ईसीएचएस बिल प्रोसेसिंग एजेंसी से चिकित्सा प्रतिपूर्ति का दावा करने के लिए कर सकते हैं।

आप ईसीएचएस बिल प्रोसेसिंग एजेंसी के बारे में अधिक जानने के लिए HexaHealth एक्सपर्ट्स से भी संपर्क कर सकते हैं। किसी भी मेडिकल से संबंधित सवाल के मामले में, हम हमेशा आपकी मदद करने के लिए तैयार हैं।

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

ईसीएचएस सदस्य बनने के लिए, आपको एक पूर्व सैनिक होना चाहिए जो पेंशन प्राप्त कर सकता है। ईसीएचएस का उद्देश्य सभी सशस्त्र बल के दिग्गजों को व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है।

ईसीएचएस कर्मचारियों को दिए गए चिकित्सा लाभों में शामिल हैं:

  1. आयुष मेडिकेयर
  2. एलोपैथिक उपचार
सशस्त्र बल क्लीनिक और सशस्त्र बल पॉलीक्लिनिक्स में सदस्यों को मुफ्त मरीज उपचार प्रदान किया जाता है।

सभी उपचार संबंधी सेवाएं ईसीएचएस लाभार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। किसी भी प्रकार की बीमारी या दवा के उपचार पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

ईसीएचएस के लाभार्थी ईसीएचएस के लिए बिल प्रोसेसिंग एजेंसी के माध्यम से इन पेशेंट या आउट पेशेंट उपचार के साथ-साथ दवाओ के बिल के लिए प्रतिपूर्ति का दावा कर सकते है।

दावा प्रस्तुत करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:

  1. ईसीएचएस सदस्यता कार्ड की सदस्यता/ फोटोकॉपी का प्रमाण
  2. रेफरल फॉर्म
  3. अस्पताल के उपचार द्वारा आपातकालीन प्रमाण पत्र
  4. प्रवेश केस नोट
  5. मूल बिल
  6. पूर्व अनुमोदन / पूर्व अनुमोदन प्राप्त ना करने का औचित्य
  7. एमओए (अस्पताल की अवधि को कवर करते हुए) के साथ अनुलग्नक-२
  8. केस फ़ाइलों की पृष्ठ संख्या
  9. पैनलबद्ध अस्‍पताल/ पॉलीक्‍लिनिक/क्षेत्रीय केंद्र के एमआरपी प्रमाण पत्र
  10. डिस्चार्ज/मामले का सार/मरीज का रिकार्ड और जरूर पड़ने पर डेथ सर्टिफिकेट 
  11. जांच रिपोर्ट
  12. मूल चालान/बाहरी थैली के साथ इम्प्लैन्टैशन डिवाइस का स्टिकर 
  13. पीटीसीए - पूर्व और पोस्ट पीटीसीए सीडी विवरण के साथ तस्वीरें 
  14. कार्डियक इंप्लांट - प्रक्रिया के बाद छाती एक्स-रे के साथ डीलर चालान
  15. संयुक्त प्रतिस्थापन के मामले में – प्री और पोस्ट एक्स-रे रिपोर्ट
  16. रोगी फीडबैक फॉर्म
  17. उच्च लागत वाली दवाओं का अधिकतम खुदरा मूल्य

बिलों को सीजीएचएस दरों के अनुसार संसाधित किया जाता है। प्रतिपूर्ति का दावा करने के लिए, रोगी को पहले माता-पिता ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक्स या क्षेत्रीय केंद्रों या केंद्रीय संगठन ईसीएचएस (चिकित्सा शाखा) से अनुमति या अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी केंद्र या राज्य सरकार के निकायों से उपचार प्राप्त किया जा सके और किए गए व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए पात्र बन सके।

अस्पताल से उपचार या डिस्चार्ज होने की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर दावे प्रस्तुत किए जाने चाहिए।

ईसीएचएस कर्मचारियों की कुछ श्रेणियों में मेडिकल अधिकारी, विशेषज्ञ, डेंटल अधिकारी, पैरामेडिकल स्टाफ (नर्स, लैब असिस्टेंट, फिजियोथेरेपिस्ट) और गैर-चिकित्सा स्टाफ (रिसेप्शनिस्ट, ड्राइवर, हाउसकीपर) शामिल हैं।

Last Updated on: 17 February 2023

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Sangeeta Sharma

Sangeeta Sharma

BSc. Biochemistry I MSc. Biochemistry (Oxford College Bangalore)

6 Years Experience

She has extensive experience in content and regulatory writing with reputed organisations like Sun Pharmaceuticals and Innodata. Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical conten...View More

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