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जोड़ों के दर्द का तेल - जानिये तेल के लाभकारी गुण और फायदे

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Medically Reviewed by Dr. Aman Priya Khanna
Written by Rajath R Prabhu, last updated on 9 October 2023| min read
जोड़ों के दर्द का तेल - जानिये तेल के लाभकारी गुण और फायदे

Quick Summary

  • जोड़ों का दर्द एक आम समस्या है, जो 60 साल की उम्र के बाद 9.6% पुरुषों और 18% महिलाओं में होती है।
  • कुछ तेलों में प्राकृतिक रूप से एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुण मौजूद होते हैं जिसका उपयोग जोड़ों के दर्द में किया जा सकता है।
  • दर्द निवारक तेलों में शामिल हैं - मेथी का तेल, सरसों का तेल, तिल का तेल, जैतून का तेल और नारियल का तेल।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ६० साल की उम्र के बाद ९.६% पुरुषों और १८% महिलाओं में ओस्टियोअर्थराइटिस यानी जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। ऐसी स्थिति में कुछ घरेलू उपायों की मदद ली जा सकती है जिसमें कुछ सूजनरोधी और दर्द निवारक तेल भी शामिल हैं। 

कुछ तेलों में प्राकृतिक रूप से एंटी - ऑक्सीडेंट, एंटी- इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुण मौजूद होते हैं जिसका उपयोग जोड़ों के दर्द में किया जा सकता है।  

आइए जानते हैं इस लेख में कि जोड़ों का दर्द क्या होता है और दर्द निवारक तेल में कौन से लाभकारी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।

जोड़ों का दर्द

जब हड्डियों, लिगामेंट, टेंडन और मांसपेशियों के जोड़ में सूजन हो जाता है और दर्द होता है जैसे घुटना, कमर, कोहनी आदि में दर्द होता है तो इसे जोड़ों का दर्द या आर्थराइटिस कहते हैं।

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जोड़ों के दर्द के लिए तेल और उनके फायदे

कुछ तेलों में ओमेगा ३ फैटी एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम, एंटी - इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है जिससे जोड़ों में हो रहे दर्द से आराम मिलता है। हालांकि कुछ तेलों पर अधिक रिसर्च न होने के कारण ठोस आंकड़े मौजूद नहीं हैं। इसलिए इन तेलों का इस्तेमाल करने से पहले अपने ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

कुछ लाभदायक घुटनों के दर्द के तेल

सरसो का तेल

सरसों के तेल में ओमेगा ३ और ओमेगा ६ फैटी एसिड अच्छे अनुपात में पाए जाते हैं। इसमें सैचुरेटेड फैट सिर्फ १२% प्रतिशत होता है जो इसे बेहतर तेल की श्रेणी में लाता है। सरसो के तेल में एंटी - फंगल, एंटी - बैक्टेरियल गुण भी होता है।

फायदे 
  1. इस तेल में मौजूद ओमेगा फैटी एसिड से जोड़ों में हुई सूजन और दर्द से आराम मिलने में मदद होती है।
  2. जोड़ों के दर्द के अलावा कोलेस्ट्राल कम करने में और इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है। 

लैवेंडर का तेल

  1. लैवेंडर के तेल में एंटी इन्फ्लेमेटरी, दर्दनाशक और कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने के गुण पाए जाते हैं।
  2. अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार इस दर्द निवारक तेल से एरोमाथेरेपी मसाज करने पर जोड़ों के दर्द में काफी आराम मिल सकता है।
  3. लैवेंडर का इस्तेमाल फंगल इन्फेक्शन और बालों को झड़ने से बचाने के लिए भी किया जाता है।

अरंडी का तेल

  1. इस दर्द निवारक तेल में ९०% रिसिनोलेइक एसिड पाया जाता है। इसमें एंटी - वायरल और एंटी माइक्रोबियल गुण भी होते हैं।
  2. अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार एक स्टडी में पाया गया कि अरंडी का तेल ओस्टियोआर्थराइटिस के लिए दवा का काम करता है। 
  3. इसके अलावा यह एक प्राकृतिक लैक्सेटिव भी है जिसे कब्ज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 

नारियल का तेल

  1. इस तेल में एंटी - इन्फ्लेमेटरी, एंटी - ऑक्सीडेंट और लारिक एसिड पाया जाता है।
  2. जानवरों पर हुई एक स्टडी में यह पाया गया कि इसमें मौजूद पॉलीफिनॉल एंटी - ऑक्सीडेंट आर्थराइटिस में होने वाले दर्द और सूजन से आराम दिलाने में मदद करता है। 

दालचीनी का तेल

  1. यह एक एसेंशियल ऑयल होता है जो काफी तेज और प्रबल होता है। इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, प्रोटीन और आयरन पाया जाता है। अन्य एसेंशियल ऑयल की तरह दालचीनी के तेल को भी इस्तेमाल करने के लिए कैरियर ऑयल जैसे सरसो, नारियल या जैतून के तेल का इस्तेमाल किया जाता है।   
  2. इसमें पाए जाने वाले तत्व हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। 
  3. इसे ३० से ४० सेकंड तक सूंघने से मन प्रसन्न होता है और नकारात्मक विचार कम होते हैं। इस तरह यह जोड़ों का दर्द ऑयल तनाव कम करने के लिए भी जाना जाता है। 

रोजमेरी का तेल

  1. इस तेल में एंटी - ऑक्सीडेंट और एंटी - इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से राहत देते हैं।
  2. रोजमेरी के तेल से रोज १०-१५ मिनट मसाज करने से रियुमेटॉइड आर्थराइटिस ( एक प्रकार का ऑटोइम्यून आर्थराइटिस ) में होने वाले सूजन और दर्द से आराम मिलता है। 
  3. इसे महक लेने के लिए और माउथवॉश के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।

पिपरमिंट का तेल

  1. यह तेल एक एसेंशियल ऑयल है जिसमे मेंथॉल की अच्छी मात्रा होती है। मेंथॉल के अलावा सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और विटामिन सी अच्छी मात्रा में होता है। 
  2. पिपरमिंट के तेल से जोड़ों और मांसपेशियों में हो रहे दर्द और सूजन से राहत मिलती है। 
  3. कैल्शियम और अन्य तत्वों के कारण हड्डियों में मजबूती आती है। 

आर्गन का तेल

  1. इस तेल में ओलेइक और लिनोलेइक अनसैचुरेटेड फैटी एसिड पाए जाते हैं। आर्गन का तेल विटामिन ई का अच्छा स्त्रोत है। इसके अलावा इसमें प्रबल एंटी - ऑक्सीडेंट के गुण होते हैं। 
  2. अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार जोड़ों के दर्द (ओस्टियोआर्थराइटिस) के लिए आर्गन का तेल सुरक्षित और लाभदायक है। 
  3. जोड़ों में दर्द से राहत देने के अलावा यह त्वचा, बालों और आंखों को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।  

महुआ का तेल

  1. इस तेल में कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन और विटामिन सी पाया जाता है। 
  2. महुआ का तेल जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से आराम पहुंचाता है। 
  3. जोड़ों के अलावा यह त्वचा, पेट में अल्सर, दातों के लिए भी फायदेमंद है। 

जैतून का तेल

  1. एक्स्ट्रा वर्जिन ( कम प्रोसेस किया हुआ )  जैतून के तेल में ओलेइक एसिड और विटामिन ई अच्छी मात्रा में होता है।  
  2. अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार एक्स्ट्रा वर्जिन जैतून के तेल से जोड़ों में सुबह के समय होने वाले दर्द से आराम मिलता है।  
  3. जैतून के तेल में विटामिन ई पाए जाने के कारण यह बालों और त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। 

नीलगिरी (युकलिप्टस) का तेल

  1. इस दर्द निवारक तेल में १, ८-सिनिऑल तत्व लगभग ४९% से ८३% की मात्रा में पाया जाता है। इस तेल में एंटी - बैक्टेरियल और एंटी - इन्फ्लेमेटरी गुण पाया जाता है।
  2. नीलगिरी के तेल से मालिश करने पर मांशपेशियों और जोड़ों में हुए सूजन और दर्द से आराम मिलता है। 
  3. अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार नीलगिरी के तेल को खाद्य पदार्थ के रूप में  इस्तेमाल करने से भी फायदे देखने को मिले हैं। हालांकि इसे लेने से पहले अनुभवी डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। 
  4. नीलगिरी के तेल को सिर्फ जोड़ों में हो रहे दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए नही बल्कि इंफ्लुएंजा इन्फेक्शन से बचने के लिए भी किया जाता है।  

जोड़ों के दर्द से निपटने के लिए कुछ अन्य घरेलू उपाय

जोड़ों में हो रहे दर्द को ठीक करने में ओमेगा फैटी एसिड, कैल्शियम, विटामिन डी, पोटेशियम और मैग्नीशियम की बड़ी भूमिका होती है। इसलिए ऐसी सब्जियां, फल और खाद्य पदार्थ खाना चाहिए जिनमे ये पोष पीएमक तत्व मौजूद हों। फलों में संतरा, केला, स्ट्राबेरी, कीवी, पपीता और अनानास लिया जा सकता है। सब्जियों में पालक, ब्रोकली आदि खाया जा सकता है। अन्य खाद्य पदार्थ जैसे मशरूम, काले चने, चिकन का सेवन किया जा सकता है। 

सारांश

इस आर्टिकल में हमने कई दर्द निवारक तेल जैसे सरसो, नीलगिरी, जैतून, पिपरमिंट, रोजमेरी के तेल के गुणों के बारे में जाना। इन तेलों में कैल्शियम, ओलेइक एसिड, ओमेगा फैटी एसिड, मैग्नीशियम, विटामिन सी जैसे तत्व पाए जाते हैं जो हड्डियों और मांसपेशियों में हो रहे दर्द को कम करते हैं। 

जोड़ों में हो रहे दर्द से राहत पाने के लिए बेहतरीन आर्थोपेडिक डॉक्टर से संपर्क करने में हेक्साहेल्थ आपकी मदद कर सकता है। सर्जरी होने से पहले और सर्जरी से ठीक होने के बाद भी प्रशिक्षित हेक्साबडी (टीम सदस्य) आपका ख्याल रखता है। हेक्साहेल्थ की सेवा का लाभ उठाने वाले २५,००० से भी अधिक मरीज पूर्ण रूप से संतुष्ट और खुश हैं। मरीज को बिना किसी असहजता के उपचार देना हेक्साहेल्थ का मुख्य लक्ष्य है। किसी भी रोग या सर्जरी से जुड़ी सलाह लेने के लिए आप अपॉइंटमेंट बुक करक सीधे विशेषज्ञ डॉक्टर से ऑफलाइन या ऑनलाइन परामर्श ले सकते हैं।

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

जोड़ों के दर्द के लिए कई तेलों का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ एसेंशियल ऑयल जोड़ों के दर्द का तेल की तरह काम करते हैं जैसे नीलगिरी, दालचीनी, अरंडी और आर्गन के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। इन तेलों में कैरियर तेल जैसे सरसो, नारियल या जैतून के तेल को मिलाकर मालिश करने से जोड़ों के दर्द से आराम मिलता है। 

आमतौर पर घुटनों का दर्द आर्थराइटिस या चोट लगने के कारण होता है। ऐसे में नीलगिरी के तेल में सरसो या नारियल का तेल मिलाकर लगाया जा सकता है। नीलगिरी के अलावा दालचीनी तेल को भी घुटनों के दर्द का तेल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। रोजमेरी और पिपरमिंट के तेल को मिलाकर लगाने से भी जोड़ों में हो रहे दर्द से राहत देखने को मिला है।

जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो कुछ एसेंशियल ऑयल में कैरियर ऑयल मिलाकर इस्तेमाल करें। एसेंशियल ऑयल जैसे नीलगिरी, दालचीनी, रोजमेरी, पिपरमिंट आदि तेलों में कैरियर ऑयल जैसे सरसो, नारियल या जैतून के तेल को मिलाएं। अब इस मिश्रण से घुटनों में सुबह  और  शाम मालिश करें। 

जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द होने पर कुछ एसेंशियल ऑयल जैसे नीलगिरी, दालचीनी, आर्गन, लैवेंडर का तेल इस्तेमाल किया जा सकता है। एसेंशियल ऑयल में सरसो या नारियल के तेल को मिलाकर लगाने से दर्द से आराम मिलने में मदद मिलती है। एसेंशियल ऑयल प्रबल और तेज होते हैं जिससे त्वचा में जलन हो सकती है। इसलिए नारियल और सरसो का तेल मिलाकर ही लगाना चाहिए।  

मासपेशियों में डार्क कई कारणों से हो सकता है जैसे पोषक तत्वों की कमी, पुरानी चोट, दवाइयों के दुष्परिणाम आदि। ऐसे में कुछ दर्द निवारक दवाईयां जैसे आइबुप्रोफेन का इस्तेमाल किया जा सकता है। दवाइयों के अलावा कुछ दर्द निवारक तेल जैसे दालचीनी, नीलगिरी के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। गुनगुने पानी में एप्सम नमक मिलाकर सिकाई करने से भी मांसपेशियों के दर्द से आराम मिलता है। 

लैवेंडर के तेल में एंटी - इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर के किसी हिस्से में हुए सूजन को कम करते हैं। लैवेंडर के तेल का इस्तेमाल एरोमाथेरेपी में किया जाता है जिससे दर्द के साथ - साथ शरीर में हुआ फंगल इन्फेक्शन भी ठीक होता है। अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉर्मेशन के अनुसार एक स्टडी में पाया गया कि घुटनों में हुए ओस्टियोआर्थराइटिस से होने वाले दर्द को कम करने में लैवेंडर का तेल मदद करता है। 

सरसो के तेल में ओमेगा ३ फैटी एसिड और ओमेगा ६ फैटी एसिड पाया जाता है। सरसो के तेल को हल्का गर्म करके मालिश करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। 

अचानक घुटनों में दर्द होने पर इसे घर पर ठीक करने में कुछ घरेलू उपाय मदद कर सकते हैं। पानी में एप्सम नमक मिलाकर गर्म कर लें और किसी कॉटन के कपड़े से भिगोकर सिकाई करें। इसके अलावा बर्फ टुकड़ों को कॉटन के कपड़े में बांधकर भी ठंडी सिकाई कर सकते हैं। कुछ एसेंशियल ऑयल भी घुटनों के दर्द का तेल जैसा ही काम करते हैं। नीलगिरी, लैवेंडर और दालचीनी के तेल में सरसो या नारियल के तेल को मिलाकर मालिश करने से भी जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकता है। 

आमतौर पर सभी एसेंशियल ऑयल प्रबल और तीक्ष्ण होते हैं जैसे नीलगिरी का तेल, दालचीनी का तेल, लैवेंडर का तेल आदि। इन एसेंशियल ऑयल में कैरियर ऑयल जैसे सरसो, नारियल और जैतून का तेल मिलाकर लगाने से जोड़ों के दर्द, इन्फेक्शन इत्यादि से आराम मिलता है। 

कई तेलों में कैल्शियम, पोटेशियम, ओमेगा फैटी एसिड, आयरन और प्रोटीन जैसे तत्व पाए जाते हैं जो हड्डियों को मजबूत करने का काम करते हैं। कुछ तेल जैसे नीलगिरी, लैवेंडर, दालचीनी आदि तेलों में सरसो या नारियल का तेल मिलाकर लगाने से हड्डी मजबूत होती है। 

ठंडा तेल लगाने से कुछ समय के लिए तनाव, सिर दर्द और थकान से राहत मिल जाती है। इसे लगाने से मस्तिष्क शांति और आराम महसूस करने का सिग्नल पूरे शरीर में भेजता है जिससे हमें अच्छा महसूस होता है। 

ऐसे भोज्य पदार्थ खाने से हड्डियां कमजोर होती हैं जिनमें कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, ओमेगा फैटी एसिड बहुत कम या लगभग न के बराबर होता है। कुछ खाद्य पदार्थ जैसे चिप्स, नमकीन, फास्टफूड और अधिक नमक वाली कोई भी चीज खाने से हड्डियां कमजोर होती हैं। इसके अलावा शराब और धूम्रपान करने से भी हड्डियां कमजोर होती हैं। 

हड्डियों में ताकत लाने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां ताजे फल और खाद्य पदार्थों में दूध, पनीर, मछली, अंडे, आयस्टर, चिकन, शकरकंद खाने से हड्डियों में मजबूती आती है।

हड्डियों में ताकत लाने के लिए कैल्शियम युक्त आहार लेना जरूरी होता है। इसके अलावा प्रोटीन, आयरन, ओमेगा फैटी एसिड और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार लेना चाहिए। शारीरिक व्यायाम भी हड्डियों को मजबूत करने का काम करता है। कैल्शियम और ओमेगा थ्री फैटी एसिड वाले तेलों की मालिश करने से भी हड्डियां मजबूत होती हैं। 

Last Updated on: 9 October 2023

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Rajath R Prabhu

Rajath R Prabhu

MSc. Clinical Research I PG Diploma in Public Health Services Management

3 Years Experience

His work in medical content writing and proofreading is noteworthy. He has also contributed immensely to public health research and has authored four scientific manuscripts in international journals. He was assoc...View More

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