विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ६० साल की उम्र के बाद ९.६% पुरुषों और १८% महिलाओं में ओस्टियोअर्थराइटिस यानी जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। ऐसी स्थिति में कुछ घरेलू उपायों की मदद ली जा सकती है जिसमें कुछ सूजनरोधी और दर्द निवारक तेल भी शामिल हैं।
कुछ तेलों में प्राकृतिक रूप से एंटी - ऑक्सीडेंट, एंटी- इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुण मौजूद होते हैं जिसका उपयोग जोड़ों के दर्द में किया जा सकता है।
आइए जानते हैं इस लेख में कि जोड़ों का दर्द क्या होता है और दर्द निवारक तेल में कौन से लाभकारी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
जब हड्डियों, लिगामेंट, टेंडन और मांसपेशियों के जोड़ में सूजन हो जाता है और दर्द होता है जैसे घुटना, कमर, कोहनी आदि में दर्द होता है तो इसे जोड़ों का दर्द या आर्थराइटिस कहते हैं।
कुछ तेलों में ओमेगा ३ फैटी एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम, एंटी - इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है जिससे जोड़ों में हो रहे दर्द से आराम मिलता है। हालांकि कुछ तेलों पर अधिक रिसर्च न होने के कारण ठोस आंकड़े मौजूद नहीं हैं। इसलिए इन तेलों का इस्तेमाल करने से पहले अपने ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
सरसों के तेल में ओमेगा ३ और ओमेगा ६ फैटी एसिड अच्छे अनुपात में पाए जाते हैं। इसमें सैचुरेटेड फैट सिर्फ १२% प्रतिशत होता है जो इसे बेहतर तेल की श्रेणी में लाता है। सरसो के तेल में एंटी - फंगल, एंटी - बैक्टेरियल गुण भी होता है।
फायदेजोड़ों में हो रहे दर्द को ठीक करने में ओमेगा फैटी एसिड, कैल्शियम, विटामिन डी, पोटेशियम और मैग्नीशियम की बड़ी भूमिका होती है। इसलिए ऐसी सब्जियां, फल और खाद्य पदार्थ खाना चाहिए जिनमे ये पोष पीएमक तत्व मौजूद हों। फलों में संतरा, केला, स्ट्राबेरी, कीवी, पपीता और अनानास लिया जा सकता है। सब्जियों में पालक, ब्रोकली आदि खाया जा सकता है। अन्य खाद्य पदार्थ जैसे मशरूम, काले चने, चिकन का सेवन किया जा सकता है।
इस आर्टिकल में हमने कई दर्द निवारक तेल जैसे सरसो, नीलगिरी, जैतून, पिपरमिंट, रोजमेरी के तेल के गुणों के बारे में जाना। इन तेलों में कैल्शियम, ओलेइक एसिड, ओमेगा फैटी एसिड, मैग्नीशियम, विटामिन सी जैसे तत्व पाए जाते हैं जो हड्डियों और मांसपेशियों में हो रहे दर्द को कम करते हैं।
जोड़ों में हो रहे दर्द से राहत पाने के लिए बेहतरीन आर्थोपेडिक डॉक्टर से संपर्क करने में हेक्साहेल्थ आपकी मदद कर सकता है। सर्जरी होने से पहले और सर्जरी से ठीक होने के बाद भी प्रशिक्षित हेक्साबडी (टीम सदस्य) आपका ख्याल रखता है। हेक्साहेल्थ की सेवा का लाभ उठाने वाले २५,००० से भी अधिक मरीज पूर्ण रूप से संतुष्ट और खुश हैं। मरीज को बिना किसी असहजता के उपचार देना हेक्साहेल्थ का मुख्य लक्ष्य है। किसी भी रोग या सर्जरी से जुड़ी सलाह लेने के लिए आप अपॉइंटमेंट बुक करक सीधे विशेषज्ञ डॉक्टर से ऑफलाइन या ऑनलाइन परामर्श ले सकते हैं।
जोड़ों के दर्द के लिए कई तेलों का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ एसेंशियल ऑयल जोड़ों के दर्द का तेल की तरह काम करते हैं जैसे नीलगिरी, दालचीनी, अरंडी और आर्गन के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। इन तेलों में कैरियर तेल जैसे सरसो, नारियल या जैतून के तेल को मिलाकर मालिश करने से जोड़ों के दर्द से आराम मिलता है।
जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो कुछ एसेंशियल ऑयल में कैरियर ऑयल मिलाकर इस्तेमाल करें। एसेंशियल ऑयल जैसे नीलगिरी, दालचीनी, रोजमेरी, पिपरमिंट आदि तेलों में कैरियर ऑयल जैसे सरसो, नारियल या जैतून के तेल को मिलाएं। अब इस मिश्रण से घुटनों में सुबह और शाम मालिश करें।
जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द होने पर कुछ एसेंशियल ऑयल जैसे नीलगिरी, दालचीनी, आर्गन, लैवेंडर का तेल इस्तेमाल किया जा सकता है। एसेंशियल ऑयल में सरसो या नारियल के तेल को मिलाकर लगाने से दर्द से आराम मिलने में मदद मिलती है। एसेंशियल ऑयल प्रबल और तेज होते हैं जिससे त्वचा में जलन हो सकती है। इसलिए नारियल और सरसो का तेल मिलाकर ही लगाना चाहिए।
मासपेशियों में डार्क कई कारणों से हो सकता है जैसे पोषक तत्वों की कमी, पुरानी चोट, दवाइयों के दुष्परिणाम आदि। ऐसे में कुछ दर्द निवारक दवाईयां जैसे आइबुप्रोफेन का इस्तेमाल किया जा सकता है। दवाइयों के अलावा कुछ दर्द निवारक तेल जैसे दालचीनी, नीलगिरी के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। गुनगुने पानी में एप्सम नमक मिलाकर सिकाई करने से भी मांसपेशियों के दर्द से आराम मिलता है।
लैवेंडर के तेल में एंटी - इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर के किसी हिस्से में हुए सूजन को कम करते हैं। लैवेंडर के तेल का इस्तेमाल एरोमाथेरेपी में किया जाता है जिससे दर्द के साथ - साथ शरीर में हुआ फंगल इन्फेक्शन भी ठीक होता है। अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉर्मेशन के अनुसार एक स्टडी में पाया गया कि घुटनों में हुए ओस्टियोआर्थराइटिस से होने वाले दर्द को कम करने में लैवेंडर का तेल मदद करता है।
सरसो के तेल में ओमेगा ३ फैटी एसिड और ओमेगा ६ फैटी एसिड पाया जाता है। सरसो के तेल को हल्का गर्म करके मालिश करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
अचानक घुटनों में दर्द होने पर इसे घर पर ठीक करने में कुछ घरेलू उपाय मदद कर सकते हैं। पानी में एप्सम नमक मिलाकर गर्म कर लें और किसी कॉटन के कपड़े से भिगोकर सिकाई करें। इसके अलावा बर्फ टुकड़ों को कॉटन के कपड़े में बांधकर भी ठंडी सिकाई कर सकते हैं। कुछ एसेंशियल ऑयल भी घुटनों के दर्द का तेल जैसा ही काम करते हैं। नीलगिरी, लैवेंडर और दालचीनी के तेल में सरसो या नारियल के तेल को मिलाकर मालिश करने से भी जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकता है।
आमतौर पर सभी एसेंशियल ऑयल प्रबल और तीक्ष्ण होते हैं जैसे नीलगिरी का तेल, दालचीनी का तेल, लैवेंडर का तेल आदि। इन एसेंशियल ऑयल में कैरियर ऑयल जैसे सरसो, नारियल और जैतून का तेल मिलाकर लगाने से जोड़ों के दर्द, इन्फेक्शन इत्यादि से आराम मिलता है।
कई तेलों में कैल्शियम, पोटेशियम, ओमेगा फैटी एसिड, आयरन और प्रोटीन जैसे तत्व पाए जाते हैं जो हड्डियों को मजबूत करने का काम करते हैं। कुछ तेल जैसे नीलगिरी, लैवेंडर, दालचीनी आदि तेलों में सरसो या नारियल का तेल मिलाकर लगाने से हड्डी मजबूत होती है।
ठंडा तेल लगाने से कुछ समय के लिए तनाव, सिर दर्द और थकान से राहत मिल जाती है। इसे लगाने से मस्तिष्क शांति और आराम महसूस करने का सिग्नल पूरे शरीर में भेजता है जिससे हमें अच्छा महसूस होता है।
ऐसे भोज्य पदार्थ खाने से हड्डियां कमजोर होती हैं जिनमें कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, ओमेगा फैटी एसिड बहुत कम या लगभग न के बराबर होता है। कुछ खाद्य पदार्थ जैसे चिप्स, नमकीन, फास्टफूड और अधिक नमक वाली कोई भी चीज खाने से हड्डियां कमजोर होती हैं। इसके अलावा शराब और धूम्रपान करने से भी हड्डियां कमजोर होती हैं।
हड्डियों में ताकत लाने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां ताजे फल और खाद्य पदार्थों में दूध, पनीर, मछली, अंडे, आयस्टर, चिकन, शकरकंद खाने से हड्डियों में मजबूती आती है।
हड्डियों में ताकत लाने के लिए कैल्शियम युक्त आहार लेना जरूरी होता है। इसके अलावा प्रोटीन, आयरन, ओमेगा फैटी एसिड और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार लेना चाहिए। शारीरिक व्यायाम भी हड्डियों को मजबूत करने का काम करता है। कैल्शियम और ओमेगा थ्री फैटी एसिड वाले तेलों की मालिश करने से भी हड्डियां मजबूत होती हैं।
Last Updated on: 9 October 2023
MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES
12 Years Experience
Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More
MSc. Clinical Research I PG Diploma in Public Health Services Management
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His work in medical content writing and proofreading is noteworthy. He has also contributed immensely to public health research and has authored four scientific manuscripts in international journals. He was assoc...View More